प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर अब मुख्यमंत्री आवास योजना (CM Housing Scheme) के लाभार्थियों के मकानों की जियो टैगिंग की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य आवास निर्माण की प्रगति पर सटीक निगरानी रखना और मकानों के स्थान की पुष्टि करना है। शासन स्तर से जियो टैग हुए भवनों की मॉनीटरिंग भी की जाएगी, ताकि योजना की पारदर्शिता और समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके।
जनपद प्रशासन के अनुसार, योजना के तहत अब तक 9,508 आवेदनों को पंजीकृत किया गया है। इन सभी आवेदनों के मकानों को जियो टैगिंग के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा। इससे न केवल लाभार्थियों की पहचान और मकानों की स्थिति सुनिश्चित होगी, बल्कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहायता मिलेगी।
जियो टैगिंग की प्रक्रिया में प्रत्येक घर की सटीक भौगोलिक स्थिति को डिजिटल मानचित्र पर अंकित किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि आवास वास्तव में लाभार्थी को प्राप्त हुआ है और निर्माण कार्य समय पर पूरा हो रहा है। अधिकारी यह भी आश्वस्त कर रहे हैं कि इस तकनीक के माध्यम से किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या गलत जानकारी को रोका जा सकेगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि यह कदम मुख्यमंत्री आवास योजना के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अधिकारियों का कहना है कि जियो टैगिंग के बाद आवास निर्माण की वास्तविक स्थिति और प्रगति को डिजिटल माध्यम से देखा जा सकेगा। इससे शासन और जनता दोनों के लिए योजना की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
इस पहल से लाभार्थियों को भी कई तरह के फायदे होंगे। अब वे अपने घरों की प्रगति को ऑनलाइन मॉनिटर कर सकेंगे और यदि कोई देरी या समस्या होती है, तो उसका तुरंत समाधान कराया जा सकेगा। यह प्रक्रिया योजना के प्रत्येक चरण को ट्रैक करने में मदद करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की तकनीकी निगरानी से आवास योजनाओं में तेजी आएगी और सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता तक पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि यह मॉडल अन्य सामाजिक और विकासात्मक योजनाओं के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकता है।
प्रशासन ने लाभार्थियों से अपील की है कि वे जियो टैगिंग प्रक्रिया में सहयोग करें और सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी सही समय पर प्रस्तुत करें। इससे योजना का क्रियान्वयन और अधिक प्रभावी और समयबद्ध तरीके से किया जा सकेगा।
इस तरह, मुख्यमंत्री आवास योजना में जियो टैगिंग की शुरुआत से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना के तहत बनाए जाने वाले मकान सही लाभार्थियों तक पहुंचे और उनकी प्रगति पर सटीक निगरानी रखी जा सके। यह कदम जनपद में आवास निर्माण की पारदर्शिता और गुणवत्ता दोनों को बढ़ावा देगा।
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