राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने वाले पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ भाजपा ने बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने ज्ञानदेव आहूजा की प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दी है। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा मंदिर में दर्शन करने के बाद राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने से जुड़े मामले में यह फैसला लिया गया है। मदन राठौड़ ने यह कार्रवाई पार्टी अनुशासन समिति की विस्तृत जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। अनुशासनहीनता के आरोप सही भाजपा की ओर से जारी पत्र के अनुसार ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप सही पाए गए।
इसके चलते पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ने उनकी प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने का आदेश जारी किया। भाजपा ने स्पष्ट किया कि प्रदेश अनुशासन समिति ने ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तैयार कर प्रदेशाध्यक्ष को सौंपी थी। रिपोर्ट में आहूजा के कृत्यों को पार्टी के अनुशासन के खिलाफ माना गया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। आपको बता दें कि टीकाराम जूली के अलवर के राम मंदिर में पूजा करने जाने के बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और उनके बयानों और मंदिर में गंगाजल से शुद्धिकरण करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
'गलत काम करने वालों को सजा मिलेगी'
कुछ दिन पहले राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने ज्ञानदेव आहूजा को सजा मिलने का संकेत देते हुए कहा था कि भाजपा का सदस्य बनने की पहली शर्त यह है कि मैं किसी भी तरह की छुआछूत बर्दाश्त नहीं करूंगा। लिंग, जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करूंगा। उस समय मदन राठौड़ ने कहा था, "किसी भी व्यक्ति ने जो भी गलत किया, उस पर तत्काल कार्रवाई की गई और उसे निलंबित कर जवाब मांगा गया। जो भी गलत करेगा, उसे सजा मिलेगी।
क्या है मंदिर में गंगाजल छिड़कने का मामला?
दरअसल, राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने का मामला रामनवमी के मौके पर हुआ था। 6 अप्रैल को अलवर की एक सोसायटी में श्री राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन किया गया था। इसमें राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी हिस्सा लिया और मंदिर में पूजा-अर्चना की। अगले दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे लोगों को बुलाया गया है, जिन्होंने भगवान श्री राम के अस्तित्व को ही नकार दिया है। पूर्व विधायक आहूजा ने भी कहा कि मंदिर में अशुद्ध लोग आए थे, इसलिए हमने गंगाजल से मंदिर को शुद्ध किया।" इसके बाद काफी हंगामा हुआ था। कांग्रेस ने ज्ञानदेव आहूजा की हरकत पर भाजपा को कड़ी फटकार लगाई थी। इस पर भाजपा ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है। बाद में उन्हें पार्टी से भी निलंबित कर दिया गया।
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