विदेशी नंबरों से साइबर ठगी को लेकर लोग सतर्क हुए तो जालसाजों ने नया तरीका खोज निकाला। अब भारतीय सिम कार्ड लेकर ऑनलाइन ठगी की जा रही है। पुलिस ने ठगी के एक नेटवर्क को डिकोड किया है। इसमें कंबोडिया का लिंक मिला है। पता चला है कि भारत से बड़ी संख्या में सिम कार्ड डिलीवर किए गए थे। देशभर से दूसरों की आईडी से फर्जी सिम कार्ड लेकर ठगी का यह खेल खेला जा रहा है। इसका खुलासा जोधपुर कमिश्नरेट के एक थाने में दर्ज 60 लाख 80 हजार रुपए की ठगी के मामले की जांच में हुआ। एडीसीपी (पश्चिम) निशांत भारद्वाज के नेतृत्व में टीम ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर की लोकेशन सर्च करते हुए मुंबई पहुंची तो पता चला कि जिस नंबर से जालसाजों ने आईपीओ में निवेश के नाम पर डॉक्टर को कॉल कर ठगी की, वह कॉल कंबोडिया से की गई थी।
साइबर ठगी का केंद्र बिंदु अब कंबोडिया, जोधपुर पुलिस ने जांच में पकड़ी कड़ी
सूत्रों की मानें तो जांच में जब सिम के आईपी एड्रेस निकाले गए तो पता चला कि सभी सिम कंबोडिया में एक्टिव हैं। पुलिस जब जांच के लिए मुंबई पहुंची तो वहां की पुलिस से पता चला कि ठगी के ज्यादातर मामलों में कंबोडिया और उसके आसपास के देशों से तार जुड़े हैं।
रिचार्ज फर्म की जांच चल रही है
देश की एक फर्म ने 1 महीने में करीब 25 करोड़ का रिचार्ज किया। पुलिस ने रिचार्ज कंपनी को नोटिस दिया है। फर्म की भूमिका की जांच की जा रही है। जांच प्रमाणित पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे की ठगी- पहले ग्रुप में शामिल कराया, फिर नामी कंपनियों के नाम पर ठगे 60.80 लाख
डॉ. तेजपाल फिड़ौदा को फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग SCIATOP नाम के एप से जुड़ने का लिंक मिला। डॉक्टर लिंक पर जाकर ग्रुप से जुड़ गए। उसमें उन्होंने ग्रुप एडमिन समेत पांच नंबरों से चैटिंग की। उन्होंने स्टैंडो चार्टर्ड वेल्थ के नाम से ग्रुप बनाया था। जालसाजों ने डॉक्टर को कंपनी के संस्थागत खाते में जमा करने के नाम पर झांसा देकर SCIATOP में संस्थागत ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाया, शेयर मार्केट में निवेश पर 4 महीने में 5 से 7 गुना मुनाफा दिलाने का वादा किया। फिर ओटीसी, आईपीओ और संस्थागत ट्रेडिंग में निवेश करवाना शुरू किया। इस तरह अलग-अलग ट्रांजेक्शन कर 60 लाख 80 हजार रुपए ठग लिए। जालसाजों ने खुद को स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के स्टैंडर्ड चार्टर्ड वेल्थ फंड से जुड़ा बताया।
इस तरह कंबोडिया-वियतनाम भेजे जा रहे सिम
सूत्रों की मानें तो भारत से कंबोडिया और वियतनाम में भारी मात्रा में सिम भेजे जा रहे हैं। कंपनियों में प्राइवेट लेबर को रखा गया है। जालसाज अपने एसोसिएशन के नेताओं से संपर्क करते हैं। उनके पास मजदूरों की आईडी होती है। उनके नाम से सिम लेकर विदेश में सप्लाई करते हैं और ज्यादातर मजदूरों को निशाना बनाते हैं। कंबोडिया और वियतनाम में इन सिम का उपयोग केवल इंटरनेट कॉलिंग के लिए किया जाता है।
You may also like
IPL 2025: 14 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले वैभव सूर्यवंशी ने पहली ही गेंद पर बना डाला ये शानदार रिकाॅर्ड, जानें इसके बारे में
स्कूल के मालिक की गन्दी करतूत, नौवीं की छात्रा से की छेड़छाड़ पीड़िता ने रो रो कर खुद बताया उसके साथ क्या हुआ ⑅
बड़ी शातिर निकली लेडी क्रिमिनल, प्राइवेट पार्ट में रिवॉल्वर छिपाकर जेल ले गई, जाने फिर क्या हुआ ⑅
बुलंदशहर में बकरी के साथ दुष्कर्म का मामला, पुलिस ने शुरू की जांच
कर्नाटक में छात्रों के जनेऊ उतारने पर भाजपा नेता प्रेम शुक्ला भड़के, कहा-'सिद्धारमैया सरकार को हिंदुओं से नफरत'