सिंधी समाज के ईष्ट देव भगवान झूलेलाल के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी नेता अमित बघेल के खिलाफ गुरुवार को अजमेर में जोरदार प्रदर्शन किया गया। सिंधी पंचायत मदार के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में समाज के कई सदस्य और स्थानीय नागरिक शामिल हुए, जिन्होंने भगवान झूलेलाल के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
।
प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट का रुख किया और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान झूलेलाल के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली और समाज के संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी है। उन्होंने राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया कि आरोपी के खिलाफ तुरंत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनकी मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में वे और बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है, तो समाज सड़कों पर उतरकर और बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से सभा का आयोजन किया। समाज के नेताओं ने यह भी कहा कि धार्मिक सम्मान और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा उनके लिए सर्वोपरि है, और किसी भी प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की और सुनिश्चित किया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो। अधिकारियों ने कहा कि सरकार इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कदम उठाएगी और न्यायसंगत कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ा कोई भी विवाद समाज में तनाव पैदा कर सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस तरह के मामलों में संवेदनशीलता और संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की आवश्यकता है, ताकि समाज में आपसी सम्मान और शांति बनी रहे।
सिंधी समाज के नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल धार्मिक सम्मान की रक्षा करना है और किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा नहीं देना। उन्होंने सरकार से अपील की कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ तत्काल और कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस घटना ने अजमेर में धार्मिक और सांस्कृतिक हलकों में भी चर्चा बढ़ा दी है। नागरिक और सामाजिक संगठन इस मामले को लेकर सक्रिय हुए हैं और सरकार से न्यायपूर्ण निर्णय की उम्मीद जता रहे हैं।
प्रदर्शन समाप्त होने के बाद भी समाज ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और इसके लिए व्यापक समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
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