राजस्थान के झालावाड़ जिले के डग कस्बे में एक फोटोग्राफर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आगजनी और हिंसा के बाद लोगों में भय का माहौल है। चारों तरफ सन्नाटा है और तनावपूर्ण शांति नजर आ रही है। जली हुई दुकानें और वाहन हालात को खुलकर बयां कर रहे हैं। वहीं, जिन लोगों को नुकसान हुआ है, वे मायूसी से अपनी जली हुई संपत्ति को निहारते नजर आ रहे हैं। वहीं, ज्यादातर लोग इस बात से संतुष्ट हैं कि उनकी और उनके परिवार की जान बच गई। इन सबके बीच डग में इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है।
सबका एक ही सवाल, इतनी देर क्यों?
डग कस्बे और उसके आसपास के इलाकों में फिलहाल शांति है, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बल तैनात हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अंदर ही अंदर कुछ सुलग रहा है। पूरे बवाल के दौरान करीब दो दर्जन दुकानें जलकर राख हो गईं, जबकि एक पुलिस अधिकारी के सिर में चोट आई है। डग कस्बे के दुकानदार, आम नागरिक और डरे हुए लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कानून व्यवस्था बनाने में इतनी देर क्यों लगी।
फोटोग्राफर की हत्या के बाद बढ़ा विवाद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शादी समारोह में फोटोग्राफर शंभू सिंह की हत्या के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे कस्बे का माहौल बिगड़ गया। इसके तुरंत बाद आगजनी और पथराव भी शुरू हो गया, जिसे स्थानीय पुलिस संभाल नहीं पाई। इस पथराव के बीच रायपुर थाना प्रभारी बन्ना लाल का सिर पत्थर लगने से फट गया, उनकी हालत अभी भी ठीक नहीं है। ऐसे में स्थानीय पुलिस अधिकारी रात नौ बजे तक भी कोई सख्त फैसला नहीं ले पाए और उपद्रवी पुलिस की आंखों के सामने पूरे कस्बे में उत्पात मचाते रहे। बस स्टैंड क्षेत्र में जिस स्थान पर दुकानों में आग लगाई गई, वह स्थान थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर है, लेकिन वहां भी पुलिस को पहुंचने में करीब 40 मिनट लग गए।
रात 1 बजे झालावाड़ पहुंचा सशस्त्र बल
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शाम 5 से 5:30 बजे के बीच डग कस्बे में हालात साफ तौर पर ऐसे थे कि हालात बेकाबू हो रहे थे। लेकिन इतने खराब हालात के बावजूद बाहर से फोर्स नहीं बुलाई गई और पुलिस अपने स्तर पर ही मामले को संभालने की कोशिश करती रही, जबकि वह कुछ नहीं कर पा रही थी। यह स्थिति रात 9:30 और 10:00 बजे तक बनी रही, जिसके बाद बाहर से सशस्त्र बल बुलाने की कार्रवाई की गई। ऐसे में कोटा से सशस्त्र बलों की टुकड़ियां रात 1:00 बजे झालावाड़ पहुंची। जहां से डग पहुंचने में उन्हें 2 घंटे और लग गए। डग, गंगधार और चोमेहला क्षेत्र में पहले भी ऐसी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। करीब 2 साल पहले भी यहां तनाव हुआ था, जिसमें धार्मिक स्थलों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं। इसके अलावा करीब दो दशक पहले का पुलिस थाना भी जला दिया गया था।
You may also like
Google TV's Home Panel Rolls Out Widely to Chromecast and Other Devices
उत्तर प्रदेश के इस जिले में बनेगा 8 लेन एक्सप्रेसवे, 120 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन
डंपर मालिकों ने झुंझुनू परिवहन कार्यालय पर किया प्रदर्शन
बाबर को आउट कर बेकाबू हो गए मोहम्मद आमिर, विव रिचर्ड्स को कराना पड़ा शांत; देखिए VIDEO
पहलगाम हमले पर राकेश टिकैत ने कहा, 'इससे फायदा-नुकसान किसे हुआ, इसकी भी जांच हो'