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क्या 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा GST? जानिए केंद्र सरकार ने क्या कहा

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पिछले कुछ दिनों से देशभर में चर्चा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर GST लगने वाला है। केंद्र सरकार इसके लिए तैयारी कर रही है। इस चर्चा के चलते लोगों में चिंता बढ़ने लगी थी और वे इंटरनेट पर इसके बारे में और अधिक जानने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि एक दिन पहले तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया था। लेकिन लोगों की उलझन को देखते हुए वित्त विभाग ने शुक्रवार देर शाम इस पर अपना जवाब जारी किया।

'UPI पेमेंट पर GST का दावा भ्रामक'

वित्त मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि सरकार 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शन पर GST लगाने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। देश में चल रही चर्चा पूरी तरह से गलत है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे भ्रामक और निराधार हैं। फिलहाल सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2पी) यूपीआई लेनदेन से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) हटा दिया है और यह निर्णय जनवरी 2020 से प्रभावी है।

भारत सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है
मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर नहीं लगाया जाता है, इसलिए इन लेनदेन पर किसी भी तरह से जीएसटी लागू नहीं होता है। सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपीआई के विकास को समर्थन और बनाए रखने के लिए, वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। यह योजना विशेष रूप से कम मूल्य वाले यूपीआई (पी2पी) लेनदेन को लक्षित करती है, जिससे छोटे व्यापारियों को लाभ होता है।

भारत डिजिटल भुगतान नवाचार में एक वैश्विक नेता है

आपको बता दें कि एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 2023 में वैश्विक रीयल-टाइम लेनदेन में भारत की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत थी, जो डिजिटल भुगतान नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में देश की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। यूपीआई लेनदेन मूल्य में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गई है। खासकर, पी2पी लेनदेन 59.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

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