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नालों के कचरे का हो 48 घंटे के भीतर निपटान

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मनपा आयुक्त गगरानी का निर्देश

मुंबई, 14 अप्रैल (हि.स.)। मुंबई महानगरपालिका द्वारा नालों की सफाई जोर-शोर से की जा रही है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने गुरुवार को शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर सफाई कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने छोटे और बड़े नालों की उचित योजना बनाने और नालों से निकाले गए कीचड़ का 48 घंटे के भीतर निर्धारित स्थान पर निपटान करने का निर्देश दिया है।

मानसून पूर्व कार्यों के तहत, मुंबई महानगर क्षेत्र में प्रमुख और छोटे नालों से गाद हटाने का काम तेजी से चल रहा है। मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने गुरुवार को मुंबई शहर के वर्ली में रेसकोर्स नाला, नेहरू विज्ञान केंद्र नाला और दादर धारावी नाला की सफाई का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्य अभियंता (वर्षा जल चैनल) श्रीधर चौधरी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे। गगरानी ने कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था नालियों पर आधारित है। हर साल बरसात से पहले नालों की सफाई और कचरा निकालने का काम करना पड़ता है। हर साल की तरह इस साल भी नालों की सफाई की जा रही है। मनपा इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। छोटे-बड़े नालों की सफाई के लिए 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था की व्यवस्था की गई है। अब तक प्री-मानसून लक्ष्य के लगभग 30 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं। बारिश शुरू होने में अभी लगभग डेढ़ महीना बाकी है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कीचड़ हटाने का कार्य चल रहा है। शेष डेढ़ महीने में कचरा निकालने का कार्य तेजी से पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो वहां ‘कचरा बूम’ का उपयोग किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मानसून के दौरान नालों का प्रवाह जारी रहे।

मनपा आयुक्त गगरानी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस वर्ष नालों की सफाई के काम में अधिक पारदर्शिता लाई गई है। मनपा प्रशासन द्वारा कीचड़ हटाने, वजन मापने, परिवहन और निपटान से संबंधित प्राप्त सभी फुटेज का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (एआई) की मदद से विश्लेषण किया जा रहा है। पहली बार सफाई कार्य के विश्लेषण के लिए एआई प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। मनपा ने लोगों के लिए वेबसाइट ‘https://swd.mcgm.gov.in/wms2025’ पर फोटो/वीडियो उपलब्ध करा दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि यदि उनके पास कोई फीडबैक, सुझाव या शिकायत हो तो वे मनपा से संपर्क कर सकते हैं। लोगों को ठोस कचरा, विशेषकर प्लास्टिक की थैलियां, बोतलें, थर्मोकोल आदि जैसे तैरते कचरे को नाली में नहीं फेंकना चाहिए। मनपा ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों या अन्य शहरी बस्तियों में कचरा संग्रहण की व्यवस्था की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

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