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Nifty 500 के ये 10 Stocks 50% तक टूटे, फिर भी म्यूचुअल फंड्स लगातार बढ़ा रहे निवेश; क्या आपके पोर्टफोलियो में भी हैं ये शेयर?

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जब म्यूचुअल फंड जैसे बड़े निवेशक किसी स्टॉक में भारी निवेश करते हैं, तो माना जाता है कि वह स्टॉक मजबूत है और भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। लेकिन क्या होगा जब इन स्टॉक्स की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से 40-50% तक गिर जाएं? मार्केट की अनिश्चितता के बीच Nifty 500 में शामिल कई म्यूचुअल‑फंड सपोर्टेड स्टॉक्स में भारी गिरावट आई है। यह स्थिति निवेशकों के लिए चिंता का विषय होती है, लेकिन इसके बावजूद म्यूचुअल फंडों ने इन स्टॉक्स से अपनी हिस्सेदारी कम नहीं की, बल्कि कई मामलों में इसे बढ़ाया भी है।



पिछले तीन तिमाही में म्यूचुअल फंड्स ने 141 स्टॉक्स में हिस्सेदारी बढ़ाई है। इनमें से आधे से ज्यादा ने CY25 (इस साल अब तक) में पॉजिटिव रिटर्न दिया है। लेकिन आज हम बात करेंगे उन स्टॉक्स की जो सबसे ज्यादा टूटे हैं। लगभग 40 ऐसे म्यूचुअल‑फंड सपोर्टेड स्टॉक्स हैं जो अपने 52‑वीक हाई से 25% से ज्यादा गिर चुके हैं। उनमें से टॉप 10 स्टॉक्स 40% से 50% तक टूटे हैं। यानी वो स्टॉक्स जिनमें लंबे समय तक भरोसा किया गया, वे भी इस गिरावट से अछूते नहीं रहे। आइए जानते हैं ऐसे 10 प्रमुख स्टॉक्स के बारे में, जो बड़ी गिरावट के बावजूद म्यूचुअल फंड्स की पसंद बने हुए हैं। क्या ये गिरावट एक अवसर है या चेतावनी।



PG Electroplast

यह स्टॉक अपने 52-वीक हाई के 1,054 रुपए से गिरकर 517 रुपए पर आ गया है, यानी लगभग 51% की गिरावट। इसके बावजूद म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी लगातार बढ़ाई है - सितंबर 2024 हिस्सेदारी 3.75%, दिसंबर 2024 में 8.87%, मार्च 2025 में 11.18% और जून 2025 में हिस्सेदारी बढ़कर 13.31% हो गई है। यानी गिरावट के समय भी म्यूचुअल फंड्स ने भरोसा नहीं छोड़ा गया। गिरावट का कारण कंपनी ने FY26 के लिए रेवेन्यू और मुनाफे की गाइडेंस घटाई है, जिससे निवेशकों को निराशा हुई है।



Newgen Software Technologies

यह स्टॉक भी अपने 52-वीक के हाई से लगभग 51% गिर गया है। इस दौरान म्यूचुअल फंड्स ने सितंबर 2024 में हिस्सेदारी 2.95%, दिसंबर 2024 में 3.08%, मार्च 2025 में 3.17% और जून 2025 में हिस्सेदारी बढ़ाकर 3.67% कर ली है। यह दिखाता है कि फंड्स को इस कंपनी की क्षमता पर भरोसा बनाए हुए हैं, भले ही कीमतें गिर रही हों।



Brainbees Solutions

इस कंपनी का स्टॉक 52-वीक हाई 734 रुपए से गिरकर 370 रुपए पर आ गया। यानी लगभग 50% की गिरावट देखने को मिली है। फिर भी इसमें म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सेदारी 8.87% बढ़ा कर 10.84% कर ली है। इसका मतलब यह है कि फंड इसे अभी भी 'पॉसिबल रिकवरी स्टॉक' मान रहे हैं।



HFCL

HFCL का शेयर हाई के 143 रुपए गिरकर 74 रुपए पर आ गया है, यानी करीब 48% की गिरावट। इस दौरान फंड्स ने पिछली तिमाहियों में 8.58%, 9.24%, 11.57% और फिर 12.32% तक अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। यानी गिरावट के बावजूद भरोसा कम नहीं हुआ।



Sona BLW Precision Forgings

यह स्टॉक 44% तक गिरा, जो 745 रुपए से गिरकर 414 रुपए पर पहुंच गया। लेकिन इसमें भी म्यूचुअल फंडों ने धीरे-धीरे हिस्सेदारी बढ़ाई है- 24.82%, 24.93%, 28.21%, 28.35%। यह दिखाता है कि उन्हें लगता है यह गिरावट ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहेगी।



Trent

इसका शेयर 8,345 रुपए से 4,777 रुपए तक गिरा यानी लगभग 43% की गिरावट। इसके बावजूद फंड्स ने हिस्सेदारी बढ़ाई है- सितंबर 2024 में 9.33%, दिसंबर 2024 में 11.00%, मार्च 2025 में 11.89% और जून 2025 में 13.12%। ये संकेत देता है कि फंड इसे मजबूत ब्रांड मानते हैं।



Adani Green Energy

यह स्टॉक 1,834 से 1,059 तक गिरा यानी लगभग 42% की गिरावट। लेकिन फंड्स ने धीरे-धीरे हिस्सेदारी बढ़ाई, जो 0.09%, 0.37%, 1.01% और जून 2025 में 1.51% पहुंची। यह स्टॉक अभी भी उनके पोर्टफोलियो में शामिल है, यह दिखाता है कि वे ग्रीन एनर्जी को लंबे समय अवसर मानते हैं।



Network 18 Media & Investments

यह स्टॉक 41% गिरा, जो 89 रुपए से गिरकर 52 रुपए तक पहुंचा। इस दौरान फंड्स ने इसमें हिस्सेदारी बढ़ाई है, जो 0.08%, 0.15%, 0.18% और जून 2025 में बढ़कर 0.19% पहुंची। यह बहुत छोटी हिस्सेदारी है, लेकिन बढ़ाई जा रही है।



Colgate‑Palmolive (India)

Colgate‑Palmolive का शेयर 3,775 से गिरकर 2,229 रुपये पर आ गया यानी लगभग 41% की गिरावट। लेकिन म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है, जो सितंबर 2024 में 3.57%, दिसंबर 2024 में 4.20%, मार्च 2025 में 4.69% और जून 2025 में 5.15% पहुंची। यह दर्शाता है कि ब्रांड वैल्यू की वजह से फंड इस गिरावट को अवसर मान सकते हैं।



Carborundum Universal

यह स्टॉक लगभग 40% गिरा- 1,537 रुपए के हाई से 919 रुपए तक। फिर भी म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सेदारी 26.27% से बढ़ाकर 27.46% की। ये बड़ी हिस्सेदारी है और दिखाती है कि फंड्स इसके लंबे समय के रुझान में विश्वास रखते हैं।



डिस्क्लेमर : यह खबर केवल जानकारी के लिए है। इसे किसी भी स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह ना समझें।
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