अमेरिका द्वारा भारत पर 50% का टैरिफ लगाया गया है. दोनों देशों के बीच में ट्रेड डील को लेकर भी कोई बातचीत सामने नहीं आ रही. ऐसे में अब कुछ विशेष सेक्टर जैसे वस्त्र और रत्न-आभूषण में चिंताएं बढ़ रही है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यदि ट्रंप टैरिफ के दौरान लगाए गए प्रतिबंध जारी रहते हैं तो इससे लगभग तीन लाख तक नौकरियां खतरे में आ सकती है.
ट्रंप टैरिफ से बढ़ता नौकरियों पर खतराकुछ विशेषज्ञों ने ट्रंप के टैरिफ के कारण नौकरियों पर खतरे की आशंका जताई है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस प्रभाव को भारत की मजबूत घरेलू डिमांड और व्यापार विविधीकरण से कम किया जा सकता है.
ये क्षेत्र रहेंगे ज्यादा प्रभावितटैरिफ का असर सबसे ज्यादा ऑटो कंपोनेंट, वस्त्र और एमएसएमई सेक्टर पर दिखेगा. वहीं इससे फार्मा जैसे सेक्टर पर कम प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा आईटी सर्विस जैसे सेक्टर्स को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही है. कंपनियां अभी टैरिफ की अनिश्चितओं के कारण नौकरियां नहीं बढ़ा रही. पिछले काफी समय से आईटी सेक्टर में छंटनी की प्रक्रिया भी चल रही है. कुछ विशेषज्ञ का यह भी कहना है कि यदि 6 महीने से ज्यादा समय तक टैरिफ जारी रहता है तो केवल वस्त्र उद्योग में ही एक लाख से ज्यादा नौकारियां जा सकती है. इसके अलावा निर्यात से जुड़े एमएसएमई पर भी भारी प्रभाव देखने को मिल सकता है.
और टैरिफ़ बढ़ाने की संभावना?अमेरिका के द्वारा पहले 25% का टैरिफ लगाया गया, फिर रूस से तेल खरीदने का हवाला देकर अतिरिक्त 25% का टैरिफ़ लगाया गया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति वाल्दीमिर पुतिन की अलास्का में हुई बैठक के पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री द्वारा चेतावनी जारी की गई थी कि यदि दोनों दिग्गज नेताओं की बैठक सफल नहीं होती है तो टैरिफ़ और बढ़ाया जा सकता है. ट्रंप और पुतिन की बैठक के बाद दोनों नेताओं ने से सकारात्मक तो बताया लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकला. अब देखना यह है कि क्या अमेरिका फिर भारत पर टैरिफ बढ़ाएगा या नहीं, या फिर ट्रेड डील से दोनों देशों के बीच आए इस तनाव को काम करेगा.
ट्रंप टैरिफ से बढ़ता नौकरियों पर खतराकुछ विशेषज्ञों ने ट्रंप के टैरिफ के कारण नौकरियों पर खतरे की आशंका जताई है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस प्रभाव को भारत की मजबूत घरेलू डिमांड और व्यापार विविधीकरण से कम किया जा सकता है.
ये क्षेत्र रहेंगे ज्यादा प्रभावितटैरिफ का असर सबसे ज्यादा ऑटो कंपोनेंट, वस्त्र और एमएसएमई सेक्टर पर दिखेगा. वहीं इससे फार्मा जैसे सेक्टर पर कम प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा आईटी सर्विस जैसे सेक्टर्स को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही है. कंपनियां अभी टैरिफ की अनिश्चितओं के कारण नौकरियां नहीं बढ़ा रही. पिछले काफी समय से आईटी सेक्टर में छंटनी की प्रक्रिया भी चल रही है. कुछ विशेषज्ञ का यह भी कहना है कि यदि 6 महीने से ज्यादा समय तक टैरिफ जारी रहता है तो केवल वस्त्र उद्योग में ही एक लाख से ज्यादा नौकारियां जा सकती है. इसके अलावा निर्यात से जुड़े एमएसएमई पर भी भारी प्रभाव देखने को मिल सकता है.
और टैरिफ़ बढ़ाने की संभावना?अमेरिका के द्वारा पहले 25% का टैरिफ लगाया गया, फिर रूस से तेल खरीदने का हवाला देकर अतिरिक्त 25% का टैरिफ़ लगाया गया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति वाल्दीमिर पुतिन की अलास्का में हुई बैठक के पहले ही अमेरिका के विदेश मंत्री द्वारा चेतावनी जारी की गई थी कि यदि दोनों दिग्गज नेताओं की बैठक सफल नहीं होती है तो टैरिफ़ और बढ़ाया जा सकता है. ट्रंप और पुतिन की बैठक के बाद दोनों नेताओं ने से सकारात्मक तो बताया लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकला. अब देखना यह है कि क्या अमेरिका फिर भारत पर टैरिफ बढ़ाएगा या नहीं, या फिर ट्रेड डील से दोनों देशों के बीच आए इस तनाव को काम करेगा.
You may also like
Health Tips: नमक ही नहीं इन चीजों का करते हैं आप भी अधिक सेवन तो फिर आपका बढ़ सता हैं बार बार बीपी
Dotasra ने भजनलाल सरकार पर कसा तंज, कहा- भाजपा सरकार के कुशासन में...
सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांग हुए कैडेटों की स्थिति का लिया संज्ञान, केंद्र और तीनों सेनाओं को नोटिस
'वोटर अधिकार यात्रा' से बिहार में राहुल गांधी की दाल नहीं गलेगी: दिलेश्वर कामत
ये आदमी था दुनिया का पहला इंसान जिससे हुई थीˈ सृष्टि की रचना जानिए पूरी कहानी