इमरान हाशमी के नाम बदलने की कहानी
‘अक्खा बॉलीवुड एक तरफ और इमरान हाशमी एक तरफ…’ शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ में ये डायलॉग इमरान की तारीफ में पेश किया गया है. हालांकि, तकरीबन 21 साल पहले बॉलीवुड के इस ‘सीरियल किसर’ ने अपना नाम दोबारा बदलने का फैसला न किया होता तो आज आर्यन की सीरीज की लाइन कुछ यूं होती- ‘अक्खा बॉलीवुड एक तरफ और फरहान हाशमी एक तरफ…’
जी हां, फरहान हाशमी. सुनने में थोड़ा अलग लग सकता पर ये सच है. उन्होंने एक नहीं बल्कि दो-दो बार अपना नाम बदला है. अब सवाल उठता है नाम क्यों बदला, वो भी दो-दो बार, जवाब है- दादा की सलाह, न्यूमरोलॉजी और पहली फिल्म का फ्लॉप होना. चलिए तफ्सील से समझते हैं.
‘फुटपाथ’ से शुरू हुई कहानीइमरान को फिल्मों में पहला मौका बॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर और आलिया भट्ट के पिता महेश भट्ट ने दिया था, जो रिश्ते में इमरान के मामा भी लगते हैं. बात उन दिनों की है जब डिनो मोरिया और बिपाशा बसु की फिल्म ‘राज’ (2002) पर काम चल रहा था. इमरान इस फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे. उसी वक्त महेश ने भांप लिया था कि ये लड़का आगे चलकर एक बड़ा एक्टर बनेगा. उस समय इमरान की उम्र 22-23 साल थी.
‘राज’ के सेट पर महेश भट्ट ने इमरान से कहा था, “I see an actor in You” यानी मुझे तुम्हारे अंदर एक एक्टर नजर आता है. जवाब में इमरान कहते हैं, “भट्ट साहब आपको मुझमें ऐस क्या दिखता है.” महेश भट्ट कहते हैं, “तुम्हारे अंदर एक प्रेजेंस है. मुझे लगता है कि एक तुम एक अच्छे एक्टर बनेगो.”
चार बार ठुकराया महेश भट्ट का ऑफरइमरान ने एक्टर बनने के बारे में कभी सोचा नहीं था. वो एक्टर बनना नहीं चाहते थे. इसलिए उन्होंने महेश भट्ट के ऑफर को ठुकरा दिया. महेश भट्ट कहां इमरान की एक ‘न’ से मानने वाले थे. वो ऑफर देते रहे और इमरान मना करते रहे. इमरान बताते हैं कि उन्होंने तीन-चार बार उनकी पेशकश को ‘न’ कहा था. लेकिन वो कहते हैं न “वही होता है जो मंजुर-ए-खुदा होता है.”
इमरान की किस्मत में एक्टर ही बनना लिखा था. उन्हें महेश भट्ट की फिल्म ‘फुटपाथ’ मिलती है. विक्रम भट्ट इसके डायरेक्टर होते हैं. इस फिल्म के जरिए इमरान को इमरान नहीं बल्कि फरहान के नाम से लॉन्च किया जाता है. और इमरान को फरहान बनाने वाले उनके दादा ही थे.
दरअसल, उनके दादा ने उन्हें न्यूमरोलॉजी के हिसाब से नाम बदलने का मशवरा दिया था. दादा का कहना था कि या तो वो अपना नाम फरहान कर लें, लेकिन अगर उन्हें अपना नाम इमरान ही रखना है तो उसमें एक एक्स्ट्रा ‘A’ जोड़ना होगा. यानी Emran को Emraan करना होगा. इमरान ने दादा की बात मानी और अपना नाम कर लिया फरहान. हालांकि, फरहान हाशमी के नाम से उनका साथ ज्यादा लंबा नहीं रहा.
इमरान से फरहान और फिर इमरानअगस्त 2003 में इमरान की पहली फिल्म ‘फुटपाथ’ रिलीज होती है. उसके बाद होता कुछ यूं है कि न उन्हें लोगों का प्यार मिलता है और न उनकी फिल्म लोगों को पसंद आती है. बॉक्स ऑफिस पर ये पिक्चर औंधे मुंह मुर गिर जाती है. मेकर्स अपना बजट भी नहीं निकाल पाते हैं. आप फिल्म बनाने का खर्च और कमाई नीचे देख सकते हैं.
- फिल्म- फुटपाथ
- बजट-5.5 करोड़
- कलेक्शन- 4.14 करोड़
- वर्डिक्ट- फ्लॉप
चूंकि डेब्यू से पहले इमरान ने अपना नाम न्यूमरोलॉजी की वजह से बदला था, ऐसे में वो एक बार फिर से अपना नाम बदलने का फैसला लेते हैं. इस बार उन्होंने अपने दादा द्वारा दिया गया दुसरा नाम अपनाया. यानी वो फरहान से फिर से इमरान हो गए, लेकिन अंग्रेजी की स्पेलिंग में एक एक्स्ट्रा ‘A’ लगा दिया. यानी Emran की जगह Emraan लिखने लगे. इसी नाम के साथ साल 2004 में उनकी दूसरी फिल्म रिलीज होती है. नाम- ‘मर्डर’. बस फिर क्या था यहीं से शुरू हो जाती है कहानी ‘अक्खा बॉलीवुड एक तरफ और इमरान हाशमी’ एक तरफ…’ लिखे जाने की.
‘मर्डर’ ने बना दिया सीरियल किसर‘मर्डर’ से इमरान को स्टारडम हासिल होता है. दो बार नाम बदलने वाले इस एक्टर को तीसरा नाम भी मिलता है. ‘सीरियल किसर’. और इस नाम से वो लोगों के दिलों पर राज करने लगते हैं. इस रोमांटिक फिल्म को भी प्रोड्यूस करने वाले इमरान के मामा महेश भट्ट ही थे. डायरेक्शन की कमान संभाली थी अनुराग बसु ने. आप ‘मर्डर’ का बजट और बॉक्स कलेक्शन नीचे देख सकते हैं.
- फिल्म- मर्डर
- बजट-5 करोड़
- कलेक्शन- 15 करोड़
- वर्डिक्ट- सुपरहिट
यानी जहां एक तरफ 5.5 करोड़ में बनी ‘फुटपाथ’ को फ्लॉप का स्वाद चखना पड़ा था तो वहीं दूसरी तरफ उससे 50 लाख कम लागत में बनी ‘मर्डर’ बजट से तीन गुना ज्यादा कमाई करके सुपरहिट हो जाती है. ऐसे में अगर ये कहें कि “किस्मत भी कभी-कभी नाम बदलने से नहीं, दो-दो बार नाम बदलने से संवर जाती है.” तो इमरान के मामले में ये कहना गलता नहीं होगा.
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