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हालांकि सोने और चांदी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, फिर भी इस धनतेरस पर इन धातुओं की खरीदारी में भारी वृद्धि की संभावना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने और चांदी की खरीदारी का रिकॉर्ड बन सकता है, जिसमें कुल कारोबार 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह अनुमान कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ) द्वारा प्रस्तुत किया गया है। धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन और रसोई के सामान की खरीद को शुभ माना जाता है।
दिल्ली में कारोबार का अनुमान
कैट और एआईजेजीएफ द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस पर सोने और चांदी के सिक्कों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रही है, जबकि सोने के आभूषणों की बिक्री में थोड़ी कमी का अनुमान है। देशभर में सोने-चांदी का कारोबार 50 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 8 से 10 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और एआईजेजीएफ के अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि बढ़ती कीमतों के कारण मध्यम और उच्च वर्ग के ग्राहक अब ठोस सिक्कों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
दिल्ली में सोने और चांदी की कीमतें
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीपावली के दौरान सोने की कीमत लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो इस वर्ष बढ़कर 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा चुकी है, यानी लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि। इसी तरह, चांदी की कीमतें 2024 में 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम थीं, जो अब 1,80,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई हैं, जो लगभग 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाती है। इन बढ़ती कीमतों के चलते निवेशक बड़ी संख्या में सर्राफा बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
ज्वैलर्स की बिक्री का अनुमान
अरोरा ने बताया कि देशभर में लगभग 5 लाख ज्वैलर्स सक्रिय हैं। यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 50 ग्राम सोना बेचता है, तो कुल मिलाकर लगभग 25 टन सोने की बिक्री होगी, जिसकी मौजूदा कीमत 32,500 करोड़ रुपये होगी। इसी प्रकार, यदि प्रत्येक ज्वैलर औसतन 2 किलो चांदी बेचता है, तो लगभग 1,000 टन चांदी की बिक्री होगी, जिसकी अनुमानित कीमत 18,000 करोड़ रुपये के आसपास होगी। इस प्रकार, देशभर के सर्राफा बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का अनुमान है।
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