पत्तेदार सब्जियाँ आमतौर पर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती हैं। लेकिन, कीटों से सुरक्षा के लिए उन पर छिड़के जाने वाले कीटनाशक इन्हें हानिकारक बना सकते हैं। हाल ही में श्री गंगानगर जिले में एक 14 वर्षीय लड़की की मौत की घटना ने इस मुद्दे को उजागर किया है।
घटना का विवरण
रिपोर्टों के अनुसार, बच्ची ने अपने खेत में उगाई गई पत्तागोभी की पत्तियाँ खाई थीं, जिन पर कीटनाशक का छिड़काव किया गया था। उसे 18 दिसंबर को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 24 दिसंबर को इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना कच्ची सब्जियों के सेवन पर गंभीर सवाल उठाती है।
पेस्टिसाइड्स के दुष्प्रभाव
कीटनाशकों के सामान्य दुष्प्रभावों में मतली, उल्टी, पेट में ऐंठन और दस्त शामिल हैं। इसके अलावा, इनसे त्वचा और आंखों में जलन, एलर्जी, चकत्ते, लालिमा और खुजली जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं। लंबे समय तक संपर्क में रहने से ल्यूकेमिया और लिम्फोमा जैसे कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
खतरनाक सब्जियाँ
हाल ही में पर्यावरण कार्य समूह (EWG) ने "डर्टी डोजेन" नामक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उन फलों और सब्जियों का उल्लेख किया गया है जो कीटनाशक अवशेषों से अत्यधिक प्रभावित हैं।
पालक: पालक पर ऑर्गेनोफॉस्फेट जैसे कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है, जो तंत्रिका संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।
केल: केल में उच्च मात्रा में कीटनाशक होते हैं, जो पाचन संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
टमाटर: टमाटर को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशकों से उपचारित किया जाता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
अजवाइन: अजवाइन में कीटनाशकों के अवशेष उच्च स्तर पर होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
कोलार्ड ग्रीन्स: ये भी अन्य पत्तेदार सब्जियों की तरह कीटनाशकों से प्रभावित होते हैं।
बचाव के उपाय
पेस्टिसाइड्स से बचने के लिए, सब्जियों को अच्छे से धोना और पकाना आवश्यक है। इससे कीटनाशकों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
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