भिंड के मालनपुर फैक्ट्री क्षेत्र में काम करने वाले धर्मेंद्र गहलोत का अपने मित्र मनोज सेन के घर आना-जाना था। एक दिन अचानक धर्मेंद्र का दिल बेकाबू हो गया, जिसके बाद एक भयानक घटना घटित हुई।
5 दिसंबर को दतिया के दुरसड़ा थाना क्षेत्र के इमिलिया गांव के पास एक सिर कटी लाश मिली। अगले दिन, लाश का सिर भी 900 मीटर दूर पाया गया, लेकिन जानवरों द्वारा खा जाने के कारण पहचान में कठिनाई हुई। पुलिस ने मृतक की पहचान के लिए सीमावर्ती जिलों में प्रयास किए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। लगभग डेढ़ महीने बाद, पुलिस को पता चला कि धर्मेंद्र गहलोत 4 दिसंबर 2024 से लापता था। वह आलमपुर का निवासी था।
जब पुलिस ने भिंड जाकर धर्मेंद्र के कपड़े और तस्वीरें उसके परिवार को दिखाई, तो उन्होंने पुष्टि की कि ये धर्मेंद्र के हैं। सिर भी धर्मेंद्र का ही प्रतीत हो रहा था। इस महत्वपूर्ण जानकारी के बाद, पुलिस ने धर्मेंद्र की पृष्ठभूमि की जांच की। पता चला कि धर्मेंद्र का मनोज सेन के घर आना-जाना था और मनोज की मां के साथ उसके संबंध काफी गहरे थे। मनोज को यह पसंद नहीं था।
मनोज सेन ने पार्टी के बहाने धर्मेंद्र को इमिलिया के पास बुलाया, जहां पहले से उसके दोस्त राहुल नामदेव और सुखवीर सेंगर मौजूद थे। सभी ने मिलकर धर्मेंद्र को शराब पिलाई और फिर उसकी हत्या कर दी। मनोज का कहना है कि धर्मेंद्र उसकी मां को अश्लील संदेश भेजता था और उसकी पत्नी पर बुरी नजर रखता था, इसलिए उसने उसकी हत्या की। दुरसड़ा पुलिस ने हत्या के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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