लद्दाख : लेह-लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर जांच शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के उच्चाधिकारियों का मानना है कि लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा स्वाभाविक रूप से नहीं भड़की थी। यह एक पूर्वनियोजित साजिश थी और सब कुछ जानबूझकर कर किया गया। इस हिंसा में चार लोग मारे गए हैं, 80 से ज्यादा घायल हुए हैं। हिंसा ऐसे समय में हुई जब केंद्र ने लद्दाख की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा के लिए शीर्ष निकाय, लेह (एबीएल) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ 6 अक्टूबर को उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक पहले ही निर्धारित कर दी थी।
दरअसल, वार्ता को स्थगित करने का अनुरोध मिलने पर, 25-26 सितंबर को अनौपचारिक चर्चाओं का एक दौर निर्धारित किया गया था। एबीएल के सह अध्यक्ष चेरिंग दोरजय लकरूक का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह सोनम वांगचुक के अनशन स्थल पर घोषणा कर रहे हैं कि एक प्रतिनिधिमंडल 26 सितंबर को बातचीत के लिए दिल्ली जा रहा है।
सोनम वांगचुक पर उठाए सवाल
एक अधिकारी ने पूछा कि अगर सरकार के साथ बातचीत सक्रिय थी, तो फिर भी हिंसा क्यों भड़की? लद्दाख और उसके युवाओं को कुछ लोगों की संकीर्ण राजनीति और कुछ कार्यकर्ताओं की निजी महत्वाकांक्षाओं की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। आशंका जताते हुए, केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि कैसे सोनम वांगचुक, जो लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर ‘आमरण अनशन’ कर रहे थे, लंबे समय से लद्दाख में अरब स्प्रिंग-शैली के विरोध प्रदर्शन की इच्छा जता रहे थे और उन्होंने नेपाल में जेन जी के विरोध प्रदर्शनों का भी ज़िक्र किया था।
कुछ छिपाने के लिए हुई हिंसा?
अधिकारी ने बिना विस्तार से बताए पूछा कि क्या उन्होंने भूख हड़ताल के मंच का इस्तेमाल अपने निजी मुद्दों और अब सामने आ रही कुछ अनियमितताओं को छिपाने के लिए किया है? इतना ही नहीं, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने, एबीएल के एचपीसी के साथ बातचीत से राजनीतिक प्रतिनिधियों को बाहर रखने के मद्देनज़र ऐसे बयान दिए जो लगभग निर्देशों जैसे लग रहे थे। सरकारी दफ्तरों पर पथराव करने, कार्रवाई की धमकी देने और युवाओं को टकराव, बंद और आगजनी की ओर धकेलने की बात कही। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि वे इतने तैयार क्यों थे? पूरा घटनाक्रम राजनीति और निजी स्वार्थ से प्रेरित साज़िश की ओर इशारा करता है।
इस बात पर आश्वस्त होते हुए कि लद्दाखी युवाओं को हिंसा और आगजनी में शामिल होने के लिए एक योजना के तहत गुमराह किया गया और उकसाया गया, केंद्र ने उन्हें शामिल रखने और उनके सशक्तिकरण और कल्याण के उद्देश्य से समाधान खोजने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
You may also like
लंदन स्पिरिट से हुई जस्टिन लैंगर की छुट्टी, RCB को चैंपियन बनाने वाला कोच हुआ टीम में शामिल
Bihar Police SI Recruitment 2025: Apply for 1,799 Positions
ख्वाजा गरीब नवाज के 814वें उर्स का कार्यक्रम घोषित, 16 दिसंबर को चढ़ेगा झंडा
दांतन के खंडरुई गांव में गिरी बिजली, दो लोगों की जान बाल-बाल बची
Delhi में महिलाओं को इन जगहों पर` फ्री मिलती है शराब रात का माहौल रहता है बेहद रंगीन