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वक्फ कानून मुस्लिमों के मजहब पर सीधा प्रहार : राशिद अल्वी

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नई दिल्ली, 30 अप्रैल . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने बुधवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने वक्फ कानून, मुस्लिम समाज की चिंताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी राय रखी.

वक्फ कानून को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा पंद्रह मिनट के लिए लाइट बंद करने की अपील पर राशिद अल्वी ने कहा कि वक्फ कानून न केवल मुसलमानों के खिलाफ है, बल्कि यह उनके मजहब पर भी सीधा हमला है. लेकिन, ऐसे समय में जब देश एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है, बेहतर होगा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऐसे कदमों को कुछ समय बाद उठाए. यह देश हमारा है और विरोध का समय जरूर आएगा. हम इस कानून के खिलाफ आंदोलन भी करेंगे, सरकार से इसे वापस लेने की मांग भी करेंगे, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इस विरोध को कुछ समय के लिए टालना ज्यादा उचित होगा.

जब अल्वी से पूछा गया कि क्या सरकार को मुसलमानों का भरोसा जीतने के लिए वक्फ कानून वापस लेना चाहिए, तो उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ हर कदम सोच-समझकर उठाती है. फिर चाहे वह तीन तलाक का मामला हो, यूनिफॉर्म सिविल कोड हो या अब वक्फ कानून. उन्हें लगता है कि इन कदमों से उनका वोट बैंक मजबूत होता है. मुझे नहीं लगता कि सरकार इस कानून को वापस लेगी, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट से कोई निर्देश या फैसला न आ जाए.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला. अल्वी ने कहा कि इस घटना का वक्फ कानून से कोई संबंध नहीं है. कश्मीर एक अलग मामला है और इसे वक्फ से जोड़ना गलत होगा. यह सरकार की बड़ी नाकामी है कि न तो कोई इंटेलिजेंस रिपोर्ट थी, न आर्मी थी और कहा जा रहा है कि चेक पोस्ट भी हटा लिए गए थे. आतंकी आए, हमारे लोगों को मारा और फरार हो गए, लेकिन अब तक एक भी आतंकवादी नहीं पकड़ा गया है.

उन्होंने आगे कहा कि देश को आतंकवाद, विशेषकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा. सरकार की नाकामियों के बावजूद, आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एक साथ है.

पीएसके/

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