Next Story
Newszop

लॉ स्टूडेंट की गिरफ्तारी धार्मिक भावनाओं के अपमान के लिए, देशभक्ति के लिए नहीं : कोलकाता पुलिस

Send Push

कोलकाता, 1 जून . सोशल मीडिया पर पाकिस्तान का विरोध करने पर लॉ की छात्रा को गिरफ्तार करने के दावे को सिरे से खारिज करते हुए कोलकाता पुलिस ने इसे ‘शरारतपूर्ण और भ्रामक’ बताया है. एक आधिकारिक बयान में उसने बताया कि छात्रा को धार्मिक आस्था के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

कोलकाता पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स पर गलत सूचना फैलाई जा रही है कि कोलकाता पुलिस ने पाकिस्तान का विरोध करने के कारण एक लॉ स्टूडेंट को अवैध रूप से गिरफ्तार किया है. यह कहानी शरारतपूर्ण और भ्रामक है. राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति व्यक्त करना एक ऐसी चीज है जिसका हर नागरिक और संगठन समर्थन करता है. कोलकाता पुलिस भी इससे अलग नहीं है, वह भारत के नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है.

“यह फिर से दोहराया जाता है कि इस घटना में, आरोपी के खिलाफ 15 मई 2025 को गार्डेनरीच थाने में इस आरोप के आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि उसने एक वीडियो पोस्ट किया था जो देश के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक आस्था का अपमान करता था और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और घृणा को बढ़ावा देता था. मामला भारतीय न्याय संहिता की उपयुक्त धारा के तहत दर्ज किया गया था. मामले की विधिवत जांच की गई और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, आरोपी को बीएनएस की धारा 35 के तहत नोटिस देने के कई प्रयास किए गए, लेकिन हर बार वह फरार पाई गई. परिणामस्वरूप सक्षम न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया, जिसके बाद उसे (हरियाणा के) गुरुग्राम से वैध तरीके से गिरफ्तार किया गया. उसके बाद उसे उपयुक्त मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार उसे ट्रांजिट रिमांड दिया गया. बाद में अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.”

पोस्ट में कहा गया है कि किसी भी धार्मिक व्यक्ति या समुदाय या भारत के नागरिकों के किसी भी वर्ग को लक्षित करने वाला घृणास्पद भाषण, जो विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और घृणा भड़काने की क्षमता रखता है, नव-क्रियान्वित भारतीय न्याय संहिता में दंडनीय अपराध है. घृणास्पद भाषण और अपमानजनक भाषा को संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में गलत नहीं समझा जाना चाहिए. ऐसे समय में जब पूरा देश एकजुट होकर खड़ा है और हमारे बहादुर नागरिक सीमा पर लड़ रहे हैं, सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री पोस्ट करना जो देश के किसी भी वर्ग के नागरिकों का अपमान करती है, सबसे घृणित कार्य है. इस तरह की कोई भी हरकत केवल हमारे दुश्मनों को ही फायदा पहुंचाएगी.

पोस्ट में कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार वैधानिक रूप से कार्य किया. आरोपी को देशभक्ति व्यक्त करने या व्यक्तिगत विश्वास के लिए गिरफ्तार नहीं किया गया; समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देने वाली आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए कानूनी कार्रवाई की गई.

कोलकाता पुलिस ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया कि वे जिम्मेदारी से काम करें और ऐसा कुछ भी करने से बचें जिससे देश के दुश्मनों को फायदा हो.

पीएसके/एकेजे

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now