New Delhi, 11 अगस्त . ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ का जिक्र होता है तो सबसे पहला ख्याल युवाओं का आता है. यह दिन न केवल युवाओं की चुनौतियों और उपलब्धियों को उजागर करता है, बल्कि उनके रचनात्मक योगदान को वैश्विक मंच पर सम्मानित कर एक बेहतर विश्व के निर्माण को प्रेरित करता है. इसको मनाने का उद्देश्य युवा शक्ति को सशक्त बनाना और एक समावेशी, टिकाऊ और प्रगतिशील भविष्य का निर्माण करना है, जिससे समाज में बदलाव दिखाई दे सके.
संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ का विचार पहली बार 1991 में वियना, ऑस्ट्रिया में आयोजित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के विश्व युवा मंच के पहले सत्र में युवाओं द्वारा प्रस्तावित किया गया था. मंच ने युवा संगठनों के साथ साझेदारी में संयुक्त राष्ट्र युवा कोष को समर्थन देने और जागरूकता बढ़ाने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ की स्थापना की सिफारिश की थी.
इसके बाद, 1998 में पुर्तगाल सरकार और संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से लिस्बन में आयोजित विश्व युवा कल्याण मंत्री सम्मेलन (8-12 अगस्त 1998) में 12 अगस्त को ‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव पारित हुआ.
इस सिफारिश को 17 दिसंबर 1999 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 54वें सत्र में प्रस्ताव 54/120 (युवाओं से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम) के माध्यम से औपचारिक समर्थन प्राप्त हुआ. हालांकि, पहली बार इसे 12 अगस्त 2000 को मनाया गया.
महासभा ने सुझाव दिया कि इस दिन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएं, ताकि 1996 में अपनाए गए युवाओं के लिए विश्व कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके. इसके अलावा, सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2250 (9 दिसंबर 2015) शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में युवाओं की भूमिका को मान्यता देता है.
इसका उद्देश्य युवाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिनमें युवाओं की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक समावेशन जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाना शामिल है. साथ ही, युवाओं को नेतृत्व, नवाचार और सामाजिक बदलाव के लिए प्रोत्साहित करना है.
हर साल इस दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है, जो आमतौर पर सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल इनोवेशन, या सामाजिक समानता जैसे विषयों पर केंद्रित होती है.
‘अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस’ के संदर्भ में अगर भारत की बात करें तो यहां युवा आबादी का बड़ा हिस्सा है. सरकार और गैर-सरकारी संगठन युवाओं के लिए कौशल विकास, स्टार्टअप, और नेतृत्व के अवसरों को बढ़ावा दे रहे हैं. राष्ट्रीय युवा नीति, स्किल इंडिया, और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाएं इस दिन को सार्थक बनाती हैं.
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एफएम/एबीएम
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