सोनीपत, 8 अक्टूबर . कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने ‘जेन जी, पॉलिटिक्स क्लिक, शेयर एंड एंप : लीड’ विषय पर आयोजित जिंदल लीडरशिप सीरीज लेक्चर में कहा कि देश में बहुत ही कम युवा ऐसे हैं, जो सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने में रुचि रखते हैं. लेकिन, अगर आप मेट्रो शहरों से बाहर, टियर-2, टियर-3 शहरों और ग्रामीण India में जाएं तो राजनीति में शामिल होने का एक अटूट जुनून दिखाई देता है.
उन्होंने कहा कि वहां लोग चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक रहते हैं और शायद इसके पीछे के कारण सिर्फ शासन और नेतृत्व से जुड़े नहीं हैं. विशेष रूप से अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने के लिए अधिक इच्छुक हैं.
उन्होंने कहा, ”वैश्विक स्तर पर पेशेवर राजनीति से एक कदम पीछे हटने की प्रवृत्ति देखी जा रही है. अमेरिका जैसे देशों के विपरीत, India जैसे लोकतंत्र में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने की एक दिलचस्प तुलना है, जहां अत्यधिक योग्य पेशेवर भी राजनीति में शामिल होने की आकांक्षा रखते हैं.”
सचिन पायलट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य, Rajasthan विधानसभा के सदस्य, Rajasthan के पूर्व उपChief Minister और India Government में पूर्व Union Minister हैं.
वर्ष 2004 में 26 वर्ष की आयु में उन्होंने Rajasthan के दौसा संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव जीता और वह देश के सबसे युवा सांसद बने.
उन्होंने नेतृत्व के स्वरूप पर भी विस्तार से बात की, विशेषकर India के युवाओं के संदर्भ में.
उन्होंने कहा, ”जेन जी पीढ़ी का मशीनों, तकनीक, social media और इंटरनेट से स्वाभाविक जुड़ाव रहा है. यह कुछ ऐसा नहीं है जो उन्हें सिखाया गया है, बल्कि यह उनकी प्रकृति में निहित है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि युवा मस्तिष्क विभिन्न विचारों तक पहुंच सकें. जब आप ओपी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी जैसे कैंपस में आते हैं और उन लोगों से संवाद करते हैं जो आप जैसे नहीं दिखते, नहीं बोलते या आपके जैसे कपड़े नहीं पहनते, तभी आप सबसे ज्यादा सीखते हैं.”
विविधता के महत्व पर जोर देते हुए पायलट ने कहा, ”वास्तव में महत्वपूर्ण यह है कि आप एक ऐसे वयस्क बनें, जो विभिन्न विचारों को सहन और स्वीकार कर सके, जहां मतभेदों के बावजूद संवाद संभव हो. अपने निर्माण के वर्षों में यदि आप सहिष्णुता, स्वीकार्यता, सुनने और समझने की अपनी सीमाओं का विस्तार करते हैं, तो आप उम्र के साथ एक बेहतर व्यक्ति बनते हैं. नेतृत्व वही होता है जब आपके विरोधी भी आपको नेता मानें. एक नेता बनने के लिए जरूरी है कि जब आप सत्ता में हों, तब लोगों का आप पर विश्वास हो. जब आप समाज की भावनाओं से खुद को जोड़ते हैं, तभी नेता अधिकतम प्रभाव डालते हैं. नेतृत्व के लिए जुड़ाव, ईमानदारी और सच्चाई जरूरी है.”
2047 में India की स्वतंत्रता के सौ वर्ष पूरे होने को लेकर बात करते हुए पायलट ने कहा, ”आने वाले समय में हमारे सामने कई चुनौतियां होंगी. सबसे बड़ी चुनौती होगी कि न केवल आप, बल्कि आपके बाद की पीढ़ी को कैसे लाभकारी रोजगार उपलब्ध कराया जाए. किसी भी देश के लिए कृषि क्षेत्र से सीधे हाई-टेक दुनिया, चिप निर्माण, डेटा साइंस और एसटीईएम में जाना आसान नहीं है. हमने बड़े पैमाने पर विनिर्माण चक्र को मिस किया है. अब हमें अपनी अगली चाल को इस तरह संतुलित करना होगा कि हमारी एक पीढ़ी कृषि क्षेत्र से उद्योग और विनिर्माण की ओर बढ़े और एआई के साथ, जो सब कुछ बदलने वाला है.”
स्वागत भाषण में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, ”हमारा विश्वविद्यालय विभिन्न विचारों के लिए एक खुला मंच है, जहां अलग-अलग Political विचारधाराओं से प्रेरित दृष्टिकोणों को प्रोत्साहन मिलता है और लोग स्वतंत्र रूप से संवाद कर सकते हैं. इसी भावना के तहत हम लगातार अलग-अलग क्षेत्रों और Political दलों से लोगों को बुलाते हैं. सचिन पायलट के साथ आप लोकतंत्र के लिए तुरंत एक नई उम्मीद महसूस करते हैं. हम उनके शासन और विकास के प्रति जुनून को महसूस करते हैं. उन्होंने व्हार्टन स्कूल सहित कुछ प्रमुख संस्थानों में शिक्षा प्राप्त की है और उनका करियर बेहद विशिष्ट रहा है. वह जिंदल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए प्रेरणा हैं क्योंकि वह युवाओं के सार्वजनिक जीवन में आने की संभावनाओं को उजागर करते हैं. वह भारतीय राजनीति की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो जुनून, समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”
प्रारंभिक टिप्पणी में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की प्रैक्टिस की ऐडजंक्ट प्रो. अम्बरीन खान ने कहा, ”सचिन पायलट का परिचय देना मेरे लिए एक गहरा सम्मान है. वह एक ऐसे नेता हैं, जिनकी यात्रा शिक्षा, लोक सेवा और India की प्रगति की कहानी के प्रति अटूट समर्पण की मिसाल है. उनके Political साथी उन्हें एक दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी राजनेता बताते हैं, जो देश की आर्थिक और सामाजिक नीतियों को उन्नत बनाने की दिशा में काम करते हैं. बहुत कम उम्र में उन्होंने शासन और लोक नीति में विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं निभाने का निर्णय लिया.”
समापन भाषण प्रोफेसर (डॉ.) आलोक पांडे, डीन, ऑफिस ऑफ करियर सर्विसेज ने दी. उन्होंने कहा, ”कांग्रेस पार्टी के वर्तमान महासचिव (सचिन पायलट) स्वयं जेन जी के लिए एक नेता हैं. आज बहस की जगह वास्तव में सिमट रही है, लेकिन फिर भी उम्मीद बाकी है. खासकर जिंदल विश्वविद्यालय के जेन जी छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों ने यह साबित किया है कि वे सिर्फ अर्थव्यवस्था या नौकरियों को लेकर ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार से बदलाव तक हर मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं, जैसा कि हमने हाल के अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों में देखा है.”
कार्यक्रम का संचालन ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के करियर सर्विसेज कार्यालय की वाइस डीन प्रोफेसर (डॉ.) मीनाक्षी तोमर ने किया.
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डीएससी/एबीएम
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