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सूडान : एक शिविर पर हुआ हमला तो विस्थापितों ने दूसरे में ली शरण, वहां भी हुई बमबारी

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संयुक्त राष्ट्र, 18 अप्रैल . जमजम विस्थापन शिविर पर बमबारी से बचकर भागे अनुमानित 400,000 लोगों में से अधिकांश ने अन्य सूडानी शरणार्थी शिविर में शरण ली, लेकिन वहां भी बमबारी की गई. संयुक्त राष्ट्र मानवीय एजेंसी ने यह जानकारी दी.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा, “जमजम तक पहुंच पूरी तरह से अवरुद्ध है.”

ओसीएचए ने कहा, “स्थानीय प्राधिकारियों और साझेदारों की रिपोर्ट से पता चलता है कि सशस्त्र समूह अल फशर और आस-पास के क्षेत्रों, जिसमें अबू शौक शिविर भी शामिल है, पर गोलाबारी जारी रखे हुए हैं, जिससे वहां रहने वाले सभी नागरिक स्पष्ट रूप से भारी खतरे में हैं.”

जमजम शिविर पर बमबारी से बचकर भाग रहे 4,00,000 लोगों में से अधिकांश लोग उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी एल फशेर और तावीला शहरों की ओर चले गए, जहां लोग पहले से ही भारी तनाव में हैं.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार कार्यालय ने कहा कि असुरक्षा के बावजूद सहायता संगठन तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय सहयोगियों ने तवीला में 1,700 मीट्रिक टन आपातकालीन भोजन वितरित किया. इस बीच, एक स्थानीय भागीदार ने एल फशर में 10,000 नए विस्थापित लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर ट्रकिंग पहल शुरू की.

अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन, तावीला में तत्काल जरुरतों और प्रतिक्रिया प्राथमिकताओं का निर्धारण करने के लिए मानवीय मूल्यांकन कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने बताया कि उसकी एक टीम गुरुवार को ग्रेटर खार्तूम पहुंची, जहां वह देश की राजधानी में सहायता बढ़ाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है.

दुजारिक ने कहा, “डब्ल्यूएफपी का लक्ष्य आने वाले महीने में लगभग 1 मिलियन लोगों तक सहायता पहुंचाना है.” उन्होंने बताया, “डब्ल्यूएफपी ने यह भी कहा कि 280 मीट्रिक टन से अधिक खाद्य और पोषण आपूर्ति ले जाने वाले 14 ट्रकों का एक काफिला खार्तूम के दक्षिण में स्थित जबल अवलिया में पहुंचा है, यह आगमन गुरुवार सुबह हुआ. यह क्षेत्र उन क्षेत्रों में से एक है जहां अकाल का खतरा सबसे अधिक है, इसलिए आपूर्ति की बहुत आवश्यकता है.”

जमजम शिविर और सूडान के कई अन्य स्थानों में पहले ही अकाल की स्थिति घोषित कर दी गई है.

एमके/

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