बेलगावी, 12 मई . भारत- पाकिस्तान के बीच सीज फायर का ऐलान हो गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. हालात सामान्य है लेकिन सैनिकों को फ्रंट पर लौटने का आदेश दिया गया है. इनमें बेलगावी के दो भाई उमेश और संगमेश भी हैं. जो देशभूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए सरहद को कूच कर गए हैं.
कर्नाटक के बेलगावी जिले के सवादट्टी तालुक के असुंदी गांव के चार सैनिक इस समर्पण की मिसाल हैं. अफसरों का निर्देश मिलते ही देश की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी पर लौटने का फैसला तुरंत कर लिया. इनमें से दो भाई उमेश दयामनायकर और संगमेश दयामनायकर ने सेना में लौटने में तत्परता दिखाई. इनकी शादी 21 अप्रैल को हुई थी. उमेश, जो पिछले छह वर्षों से स्पेशल फोर्स कमांडो यूनिट में सेवा दे रहे हैं, पहले ही जम्मू के लिए रवाना हो गए. वहीं, संगमेश, जो आठ वर्षों से सिग्नल कम्युनिकेशंस में कार्यरत हैं, 14 मई को जम्मू के लिए रवाना होंगे.
इसी गांव के यल्लप्पा बसप्पा चिकननावर को भी ड्यूटी पर वापस बुलाया गया है, जिनकी सगाई 28 अप्रैल को हुई थी. इसके अलावा, शिवराज अशोक चिकननावर, जो असम में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) टेक्नीशियन के रूप में तैनात हैं, भी अपने बेस पर लौट गए. उनकी छुट्टी की अवधि समाप्त हो चुकी है और वे भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार हैं.
इन सैनिकों के परिवारों के लिए यह समय भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण है. हाल ही में शादी या सगाई जैसे खुशी के मौके मनाने वाले परिवार अब अपने प्रियजनों को देश सेवा के लिए विदा कर रहे हैं. परिवार के सदस्य अपने दुख को छिपाते हुए गर्व के साथ इन सैनिकों को अलविदा कह रहे हैं. यह दृश्य न केवल इन सैनिकों के बलिदान को दर्शाता है, बल्कि उनके परिवारों की देशभक्ति और समर्पण को भी उजागर करता है.
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एकेएस/केआर
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