मुंबई, 18 अप्रैल . आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी को 3.67 करोड़ रुपये का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) डिमांड नोटिस मिला है.
कंपनी ने आगे कहा कि यह नोटिस मुंबई के जीएसटी कमीश्नर (अपील) की ओर से दिया गया है.
यह नेटिस सर्विस टैक्स क्रेडिट पर विवाद से संबंधित है जिसे कंपनी ने 2017 में जीएसटी सिस्टम लागू होने पर कैरी फॉरवर्ड किया था.
कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, “कंपनी को 17 अप्रैल को मुंबई के सीजीएसटी एवं सेंट्रल एक्साइज (अपील) कमीश्नर से एक आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें टैक्स डिमांड को बरकरार रखा गया है.
इससे पहले, 2 जुलाई, 2024 को मुंबई में स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (सीजीएसटी) विभाग ने एक आदेश पारित कर उस सर्विस टैक्स क्रेडिट के हिस्से को अस्वीकार कर दिया था, जिसे कंपनी ने 2017-18 वित्तीय वर्ष के दौरान जीएसटी फ्रेमवर्क में ट्रांसफर कर दिया था.
इसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने जीएसटी कमीश्नर के पास अपील की. हालांकि, कंपनी को अब फिर से जीएसटी डिमांड नोटिस दे दिया गया है, जिसमें देनदारी के साथ जुर्माने की राशि भी शामिल है.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंश्योरेंस ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, ” कंपनी को 17 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2.22 बजे, मुंबई के सीजीएसटी और सेंट्रल कस्टम कमीश्नर (अपील) से टैक्स डिमांड को बरकरार रखने का आदेश मिला है.”
डिमांड नोटिस में 1.83 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी है, जबकि इतनी ही राशि का जुर्माना है, जिसके कारण कंपनी को 3.67 करोड़ रुपये टैक्स नोटिस दिया गया है.
कंपनी ने कहा, “हम घोषणा करते हैं कि सेबी लिस्टिंग रेगुलेशनंस के रेगुलेशन 30(13) के अनुपालन में एनेक्सचर ए में दी गई जानकारी और विवरण हमारे सर्वोत्तम ज्ञान और विश्वास के अनुसार सत्य, सही और पूर्ण हैं.”
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने कहा कि वह आदेश को चुनौती देने की योजना बना रही है. कंपनी उचित अथॉरिटी के समक्ष उक्त आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी.
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एबीएस/
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