New Delhi, 11 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने उन्हें India की अंतरात्मा की सबसे निर्भीक आवाजों में से एक और लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के अथक समर्थक बताया.
Prime Minister ने कहा कि लोकनायक जेपी ने अपना जीवन साधारण नागरिकों को सशक्त बनाने और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए समर्पित किया. उनकी संपूर्ण क्रांति की पुकार ने एक सामाजिक आंदोलन को प्रज्वलित किया, जिसने समानता, नैतिकता और सुशासन पर आधारित राष्ट्र की परिकल्पना की.
उन्होंने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “India की अंतरात्मा की सबसे निर्भीक आवाजों में से एक और लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के अथक समर्थक लोकनायक जेपी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि.”
उनकी विरासत को याद करते हुए Prime Minister ने कहा, “लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने विशेष रूप से बिहार और Gujarat में कई जन आंदोलनों को प्रेरित किया, जिससे पूरे India में सामाजिक-Political जागृति आई. इन आंदोलनों ने तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस Government को हिला दिया, जिसने बाद में आपातकाल लागू कर संविधान का उल्लंघन किया.”
Prime Minister मोदी ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “लोकनायक जेपी ने अपना जीवन आम नागरिकों को सशक्त बनाने और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए समर्पित किया. संपूर्ण क्रांति के उनके आह्वान ने एक सामाजिक आंदोलन को जन्म दिया, जिसने समानता, नैतिकता और सुशासन पर आधारित राष्ट्र की परिकल्पना की. उन्होंने अनेक जन आंदोलनों को प्रेरित किया, विशेष रूप से बिहार और Gujarat में, जिससे पूरे India में सामाजिक-Political जागृति आई. इन आंदोलनों ने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस Government को हिलाकर रख दिया, जिसने आगे चलकर आपातकाल लागू किया और हमारे संविधान को कुचल दिया.”
इस अवसर पर Prime Minister ने आर्काइव से लोकनायक जेपी की किताब ‘प्रिजन डायरी’ , जो आपातकाल के दौरान लिखी गई थी, के दुर्लभ पन्ने शेयर किया. Prime Minister ने कहा कि यह किताब जेपी के दुख और एकांत कारावास के दौरान लोकतंत्र में उनके अटूट विश्वास को दर्शाती है.
उन्होंने लिखा, “लोकनायक जेपी की जयंती पर, आर्काइव से एक दुर्लभ झलक. आपातकाल के दौरान लिखी गई उनकी पुस्तक, ‘जेल डायरी’ के कुछ पन्ने यहां प्रस्तुत हैं. आपातकाल के दौरान लोकनायक जेपी ने कई दिन एकांत कारावास में बिताए. ‘जेल डायरी’ में उनकी पीड़ा और लोकतंत्र में अटूट विश्वास का चित्रण है.”
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के मार्मिक शब्दों को उद्धृत करते हुए Prime Minister ने कहा, “भारतीय लोकतंत्र के ताबूत में ठोकी गई हर कील मेरे दिल में ठोकी गई कील की तरह है.”
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डीसीएच/
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