New Delhi, 22 अगस्त . यूपी के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद सर्वे विवाद को लेकर दायर याचिका पर Supreme court अब Monday को सुनवाई करेगी. तब तक अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें निचली अदालत ने मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने के फैसले को बरकरार रखा था. मुस्लिम पक्ष ने इसी आदेश को चुनौती देते हुए Supreme court का दरवाजा खटखटाया है.
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने दलील दी कि हाईकोर्ट का आदेश कानून के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह टिप्पणी कर दी कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट किसी तरह के सर्वे पर रोक नहीं लगाता, जबकि यह व्याख्या गलत है.
दूसरी तरफ, हिंदू पक्ष ने इस मसले को प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जोड़ने का विरोध किया. हिंदू पक्ष की ओर से वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शाही मस्जिद पहले से ही एक संरक्षित स्मारक है, ऐसे में यहां प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट लागू ही नहीं होता. उन्होंने यह भी दावा किया कि विवादित स्थल पर मंदिर से जुड़े प्राचीन साक्ष्यों को मिटाया जा रहा है, इसलिए वहां सर्वे कराया जाना जरूरी है.
Supreme court ने इस बहस के बीच हिंदू पक्ष से पूछा कि क्यों न इस मामले को उन मामलों के साथ जोड़ा जाए, जिनमें पहले से प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़े सवाल उठाए जा चुके हैं. कोर्ट ने संकेत दिया कि मुस्लिम पक्ष इस आदेश से प्रभावित है और हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में इस एक्ट का जिक्र किया है.
फिलहाल सर्वोच्च अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई Monday , 25 अगस्त को तय की है. तब तक मस्जिद परिसर में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश लागू रहेगा.
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पीएसके
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