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गुवाहाटी पहुंचा जुबिन गर्ग का पार्थिव शरीर, एयरपोर्ट से घर तक उमड़ी भीड़, पुलिस को करना पड़ा लाठी चार्ज

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लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग का पार्थिव शरीर शनिवार आधी रात को सिंगापुर से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। जुबिन की शुक्रवार को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय आकस्मिक मौत हो गई थी, जब वह जीवनरक्षक जैकेट के बिना पानी में थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा खुद दिल्ली पहुंचे और उन्होंने गायक का पार्थिव शरीर गुवाहाटी ले जाने की प्रक्रिया की देखरेख की। उनके साथ केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गेरिटा और असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

घर के बाहर उमड़ी भारी भीड़

जुबिन की आकस्मिक मृत्यु की खबर के बाद उनके गुवाहाटी स्थित घर के बाहर लोगों का तांता लग गया। परिजन और शहरवासी सिंगापुर से उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। काहिलीपारा इलाके में उनका फ्लैट राजनीतिक नेताओं, कलाकारों और आम जनता से भरा रहा।



राज्यभर में जुबिन के सम्मान में शोक सभाएं और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि जुबिन (52) पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने सिंगापुर गए थे और वहां 17 अन्य लोगों के साथ नौका यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने जीवनरक्षक जैकेट के बिना तैरते समय अपनी जान गंवाई। शव का पोस्टमार्टम सिंगापुर में किया गया और असम सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

एयरपोर्ट पर मची अफरा-तफरी

गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार से ही लोग जुटने लगे। भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा। जुबिन का पार्थिव शरीर अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रखा जाएगा।



एंबुलेंस गाड़ी को हवाई अड्डे से बाहर ले जाते समय हजारों प्रशंसक उनके गीत गाते हुए और ‘जय जुबिन दा’ के नारे लगाते हुए दिखाई दिए। लोग हाथों में तख्तियां लिए थे, जिनमें लिखा था – “जुबिन दा, इतनी जल्दी क्यों चले गए।” कुछ लोग पारंपरिक असमिया ‘गमोसा’ लिए हुए थे, जिस पर लिखा था – “JZ (जुबिन गर्ग) Forever।”

असम पुलिस महानिदेशक हरमीत सिंह और गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त पार्थसारथी महंत एंबुलेंस के मार्ग को सुरक्षित बनाने में सक्रिय रहे।

अंतिम यात्रा का विशेष सम्मान

जुबिन का पसंदीदा वाहन उनकी एक जीप भी एंबुलेंस काफिले का हिस्सा था। जीप पर उनकी विशाल तस्वीर लगी हुई थी और संगीतकारों की टीम भी इसमें मौजूद थी।

राज्यभर से लोग अपने प्रिय गायक को अंतिम श्रद्धांजलि देने गुवाहाटी पहुंच रहे हैं। जुबिन ने अपने तीन दशकों के करियर में 40 भाषाओं और बोलियों में 38,000 से अधिक गीत गाए, जिन्होंने लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध किया।

अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बाहर श्रद्धांजलि देने के लिए लोग लगातार जुट रहे हैं। अंतिम संस्कार स्थल और अंतिम विदाई के कार्यक्रम को लेकर असम मंत्रिमंडल रविवार शाम को बैठक करेगा।

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