पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ के कारण सैकड़ों गांवों के जलमग्न हो जाने से पिछले 24 घंटे में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सतलुज, रावी और चिनाब नदियों के आस-पास आई बाढ़ के कारण 13 करोड़ से अधिक आबादी वाले प्रांत में बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला गया जबकि बाढ़ से बुनियादी अवसंरचना को नुकसान पहुंचा और लाखों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई।
पंजाब आपातकालीन सेवा बचाव 1122 के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण 17 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से सियालकोट में सात, गुजरात में चार, नारोवाल में तीन, हाफिजाबाद में दो और गुजरांवाला में एक व्यक्ति शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश और भारत द्वारा बांधों से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के कारण तीनों नदियों के जलस्तर में असमान्य बढ़ोतरी दर्ज की गई है। संघीय विकास मंत्री अहसान इकबाल ने भारत पर ‘जल आक्रमण’ का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जल क्षेत्र में आक्रामकता अपनाई है। यह एक प्राकृतिक आपदा है, जिससे सीमा के दोनों ओर सहयोग से ही निपटा जा सकता है। भारत को इसे प्राकृतिक आपदा मानकर पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करना चाहिए था, लेकिन इसके बजाय उसने अचानक बाढ़ की लहर के रूप में पानी छोड़ दिया और इसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया।’’
अधिकारियों ने पहले बताया था कि भारत ने रावी नदी पर स्थित अपने थीन बांध के सभी फाटक खोल दिए हैं, जिसके बाद पंजाब प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में नागरिक प्राधिकारियों की सहायता के लिए पंजाब के आठ जिलों - लाहौर, ओकारा, फैसलाबाद, सियालकोट, नारोवाल, कसूर, सरगोधा और हाफिजाबाद - में पाकिस्तानी सेना को बुलाना पड़ा है।
पाकिस्तान को भारत से चेतावनी मिली है कि वह तेज़ी से भर रहे माधोपुर बांध से पानी छोड़ सकता है। ये दोनों बांध रावी नदी पर हैं, जो भारत से पाकिस्तान में बहती है।
बांग्लादेश : मोहम्मद यूनुस के आवास के बाहर छात्रों का प्रदर्शनबांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के आवास 'जमुना' की ओर मार्च कर रहे इंजीनियरिंग छात्रों की पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम 50 छात्र घायल हो गए।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह घटना बुधवार को ढाका के शाहबाग चौराहे पर हुई, जहां बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (बीयूईटी) सहित कई इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों ने अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। बांग्लादेश गृह मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस झड़प में रमना डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर मसूद आलम सहित आठ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।
छात्रों की तीन मांगों में डिप्लोमा इंजीनियरों को 'इंजीनियर' की उपाधि का उपयोग करने से रोकना, डिप्लोमा इंजीनियरों को नौवीं ग्रेड में पदोन्नति से प्रतिबंधित करना और स्नातक इंजीनियरों को दसवीं ग्रेड की नौकरियों में प्राथमिकता देना शामिल है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, साउंड ग्रेनेड और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया, जब वे 'जमुना' की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस की कार्रवाई के जवाब में छात्र समूहों ने गुरुवार को देशभर की सभी इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटीज में 'पूर्ण बंद' की घोषणा की है, जिसमें उनकी मांगों को नजरअंदाज करने और होटल इंटरकॉन्टिनेंटल ढाका के सामने पुलिस के 'अत्यधिक बल प्रयोग' का विरोध शामिल था।
इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को 'सत्ता का भूखा' बतायापाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को सेना प्रमुख असीम मुनीर पर “सत्ता के भूखे” होने और देश में “सबसे खराब प्रकार की तानाशाही” चलाने का आरोप लगाया।
कई मामलों में दो साल से अधिक समय से जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुख्य संरक्षक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “सेना प्रमुख असीम मुनीर सत्ता के भूखे हैं, यही वजह है कि उन्होंने पाकिस्तान में सबसे खराब तरह की तानाशाही लागू कर दी है। मुनीर न तो नैतिकता और न ही इस्लाम को समझते हैं।”
खान ने कहा, “मुझसे माफी मांगने के लिये कहने के बजाय, आसिम मुनीर को मुझसे (9 मई, 2023 के दंगों के लिए) माफी मांगनी चाहिए। मुनीर ने ही नौ मई की साजिश रची थी और उसने ही सीसीटीवी फुटेज चुराई थी। आज, नौ मई आसिम मुनीर की बीमा पॉलिसी है।”
क्रिकेटर से राजनेता बने 72 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं, क्योंकि उन पर कई मुकदमे हैं। फ़िलहाल, वह रावलपिंडी की अडियाला जेल में हैं।
खान ने कहा, “देश में कोई लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है। जो मौजूद है वह असीम मुनीर की तानाशाही है। यही कारण है कि (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप ने (प्रधानमंत्री) शहबाज शरीफ के बजाय असीम मुनीर को आमंत्रित किया।” उन्होंने फासीवाद और उत्पीड़न की सभी हदें पार करने के लिए मुनीर की आलोचना की।
खान ने आरोप लगाया कि कोई राजनीतिक जुड़ाव न होने के बावजूद उनके कुछ रिश्तेदारों का अपहरण कर लिया गया।
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