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ब्रिटेन में ग्रेजुएशन के बाद 2 साल जॉब नहीं कर पाएंगे स्टूडेंट्स, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान

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UK Post-Study Work Visa: ब्रिटेन दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां स्टूडेंट्स को डिग्री खत्म करने के बाद पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा मिलता है। इस वीजा के जरिए वे देश में रुककर नौकरी कर सकते हैं। एक तरह से उन्हें इंटरनेशनल जॉब मार्केट में वर्क एक्सपीरियंस हासिल करने का मौका मिलता है। हालांकि, अब ब्रिटेन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को मिलने वाले पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा की अवधि कम कर दी गई है। पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा को ब्रिटेन में ग्रेजुएट वीजा के तौर पर भी जाना जाता है। स्काई न्यूज ने एक सरकारी डॉक्यूमेंट के हवाले से बताया कि सरकार ने इमिग्रेशन नियमों में बदलाव किए हैं। इन बदलावों में विदेशी छात्रों के लिए पढ़ाई पूरी होने के बाद ब्रिटेन में रहने की अवधि को कम करना शामिल है। नए नियम के मुताबिक, विदेशी छात्रों को एडमिशन देने वाली कॉलेज-यूनिवर्सिटी को कानून का पालन करना होगा। पढ़ाई पूरी होने के बाद विदेशी छात्र अब सिर्फ 18 महीने ही देश में रह पाएंगे। पहले ये अवधि 2 साल थी, जिसमें छात्र नौकरी ढूंढ सकते थे या फिर कोई काम कर सकते थे। क्या है ग्रेजुएट वीजा, जिसकी अवधि घटी?दरअसल, ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज से अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को देश में रुककर नौकरी करने की इजाजत मिलती है। इसके लिए सरकार उन्हें ग्रेजुएट वीजा देती है, जिससे वे दो साल तक देश में जॉब कर सकते हैं। इस वीजा की सबसे अच्छी बात ये है कि छात्रों को बिना जॉब ऑफर या स्पांसरशिप के नौकरी की इजाजत होती है। वे किसी भी कंपनी या सेक्टर में काम कर सकते हैं। एक तरह डिग्री मिलने के बाद छात्र दो साल तक ब्रिटेन में रुक सकते हैं। PR के लिए देश में रहने की समयसीमा बढ़ीवहीं, सरकार ने अंग्रेजी भाषा की जरूरतों को भी बढ़ा दिया है। अब इमिग्रेशन के लिए अच्छी अंग्रेजी आना जरूरी हो चुका है। इस नियम का असर आवेदन करने वाले लोगों और उन पर निर्भर रहने वाले लोगों, दोनों पर होगा। साथ ही सरकार ने परमानेंट रेजिडेंसी के लिए भी समयसीमा बढ़ा दी है। अब ब्रिटेन में रहने के लिए ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ेगा। पहले पांच साल लगातार देश में रहने पर PR मिल जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। ब्रिटेन में रहना है, तो अंग्रेजी आनी चाहिए: प्रधानमंत्रीसरकारी डॉक्यूमेंट में कहा गया, "आवेदकों और उन पर आश्रित लोगों के लिए अंग्रेजी भाषा की जरूरतों को और सख्त किया जाएगा। समय के साथ इसमें सुधार का आकलन भी किया जाएगा। सेटल्ड स्टेटस हासिल करने की समयसीमा 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी गई है।" प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "अगर आप ब्रिटेन में रहना चाहते हैं, तो आपको अंग्रेजी बोलनी आनी चाहिए। यह सामान्य समझ की बात है।"
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