H-1B Visa news: अमेरिका में H-1B वीजा को अमेरिकन ड्रीम का टिकट माना जाता है, क्योंकि इसे पाने के बाद आप छह साल तक जॉब कर सकते हैं। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि विदेशी वर्कर्स को ये वीजा मिल जाता है, लेकिन फिर उनकी नौकरी भी चली जाती है। इस वजह से उन्हें वीजा भी गंवाना पड़ सकता है। अमेरिका में इसी स्थिति का सामना एक विदेशी वर्कर को करना पड़ा, लेकिन फिर उसने मेहनत के बूते अपना वीजा स्टेटस बरकरार रखा। उसने अपना एक्सपीरियंस भी शेयर किया है।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक पोस्ट में विदेशी वर्कर ने बताया कि किस तरह उसने नौकरी गंवाने के बाद भी H-1B वीजा स्टेटस नहीं गंवाया। उसने 'इस साल H-1B सेलेक्शन हुआ, फिर 1 अक्टूबर से पहले छंटनी हो गई' नाम से एक पोस्ट किया। यूजर ने लिखा, 'जनवरी 2025 में उसे न्यूयॉर्क सिटी में एक नामी कंपनी में फुल-टाइम एनालिस्ट (कंसल्टिंग) की जॉब मिली। अप्रैल 2025 लॉटरी में सेलेक्शन (दूसरे मौके पर STEM OPT) हुआ। 7 जुलाई 2025 को H-1B वीजा अप्रूवल नोटिस मिला।'
वीजा मिलने के बाद चली गई जॉब
विदेशी वर्कर ने आगे बताया, '14 जुलाई 2025 को एक हफ्ते के अप्रूवल के बाद कंपनी में संगठनात्मक बदलाव हुआ, जिसकी वजह से नौकरी चली गई।' उसने बताया कि एक महीने तक वकीलों से सलाह लेने और नए पदों के लिए इंटरव्यू देने के बाद, उसने किसी तरह से अपना H-1B वीजा स्टेटस बचा लिया। वर्कर ने बताया कि उसने स्टार्टअप्स में नौकरी पर ध्यान दिया, जिसकी वजह से उनका H-1B वीजा याचिका दायर की गई और वीजा स्टेटस बच गया।
नई कंपनी ने दायर की H-1B वीजा छूट वाली याचिका
अपनी पोस्ट में रेडिट वर्कर ने बताया, '18 अगस्त 2025 को स्टार्टअप में सॉल्यूशन एनालिस्ट के तौर पर जॉब शुरू किया। इस कंपनी ने बहुत सहयोग किया और उन्होंने तुरंत मेरे लिए H-1B वीजा याचिका दायर कर दी। मैं अपने DSO को जॉब बदलने के बारे में सूचित किया और STEM OPT के दौरान बेरोजगार रहने के समय को रोक दिया। 19 सितंबर 2025 को H-1B वीजा छूट वाली याचिका दायर की गई। 24 सितंबर को मुझे रिसीट नंबर मिल गया। 1 अक्टूबर को मेरा स्टेटस H-1B वीजा पर आ गया।'
विदेशी वर्कर ने बताया, 'मेरा SEVIS रिकॉर्ड टर्मिनेट कर दिया गया। मैंने अपनी यूनिवर्सिटी को बताया कि मैंने नई याचिका दायर की है। 10 अक्टूबर को याचिका अप्रूव हो गई।' अपना एक्सपीरियंस बताते हुए उसने कहा, 'ये एक बहुत तनावपूर्ण यात्रा रही है। मुझे पता नहीं था कि क्या होगा, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि हम सफल हुए। कुल मिलाकर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ये एक आसान प्रक्रिया रही है।' उसने अन्य लोगों से भी कहा कि अगर उन्हें मदद चाहिए तो वे उससे ले सकते हैं।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक पोस्ट में विदेशी वर्कर ने बताया कि किस तरह उसने नौकरी गंवाने के बाद भी H-1B वीजा स्टेटस नहीं गंवाया। उसने 'इस साल H-1B सेलेक्शन हुआ, फिर 1 अक्टूबर से पहले छंटनी हो गई' नाम से एक पोस्ट किया। यूजर ने लिखा, 'जनवरी 2025 में उसे न्यूयॉर्क सिटी में एक नामी कंपनी में फुल-टाइम एनालिस्ट (कंसल्टिंग) की जॉब मिली। अप्रैल 2025 लॉटरी में सेलेक्शन (दूसरे मौके पर STEM OPT) हुआ। 7 जुलाई 2025 को H-1B वीजा अप्रूवल नोटिस मिला।'
वीजा मिलने के बाद चली गई जॉब
विदेशी वर्कर ने आगे बताया, '14 जुलाई 2025 को एक हफ्ते के अप्रूवल के बाद कंपनी में संगठनात्मक बदलाव हुआ, जिसकी वजह से नौकरी चली गई।' उसने बताया कि एक महीने तक वकीलों से सलाह लेने और नए पदों के लिए इंटरव्यू देने के बाद, उसने किसी तरह से अपना H-1B वीजा स्टेटस बचा लिया। वर्कर ने बताया कि उसने स्टार्टअप्स में नौकरी पर ध्यान दिया, जिसकी वजह से उनका H-1B वीजा याचिका दायर की गई और वीजा स्टेटस बच गया।

अपनी पोस्ट में रेडिट वर्कर ने बताया, '18 अगस्त 2025 को स्टार्टअप में सॉल्यूशन एनालिस्ट के तौर पर जॉब शुरू किया। इस कंपनी ने बहुत सहयोग किया और उन्होंने तुरंत मेरे लिए H-1B वीजा याचिका दायर कर दी। मैं अपने DSO को जॉब बदलने के बारे में सूचित किया और STEM OPT के दौरान बेरोजगार रहने के समय को रोक दिया। 19 सितंबर 2025 को H-1B वीजा छूट वाली याचिका दायर की गई। 24 सितंबर को मुझे रिसीट नंबर मिल गया। 1 अक्टूबर को मेरा स्टेटस H-1B वीजा पर आ गया।'
विदेशी वर्कर ने बताया, 'मेरा SEVIS रिकॉर्ड टर्मिनेट कर दिया गया। मैंने अपनी यूनिवर्सिटी को बताया कि मैंने नई याचिका दायर की है। 10 अक्टूबर को याचिका अप्रूव हो गई।' अपना एक्सपीरियंस बताते हुए उसने कहा, 'ये एक बहुत तनावपूर्ण यात्रा रही है। मुझे पता नहीं था कि क्या होगा, लेकिन मैं बहुत खुश हूं कि हम सफल हुए। कुल मिलाकर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ये एक आसान प्रक्रिया रही है।' उसने अन्य लोगों से भी कहा कि अगर उन्हें मदद चाहिए तो वे उससे ले सकते हैं।
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