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कनाडा को क्या हो गया? भारतीयों को एंट्री नहीं देने पर अड़ा, हर 4 में से 3 स्टूडेंट का वीजा किया रिजेक्ट

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Canada Student Visa Rejection : कनाडा में भारतीय छात्रों को नो एंट्री का सामना करना पड़ रहा है। ये बात हम अपने मन से नहीं कह रहे हैं, बल्कि ऐसा खुद सरकार के आंकड़े बता रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि कनाडा भारतीय छात्रों को अपने यहां पढ़ने ही नहीं देना चाहता है। इस साल अगस्त में कनाडा में स्टडी परमिट के लिए लगभग हर 4 में से 3 भारतीय छात्रों के आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं। दो साल पहले अगस्त में ही वीजा रिजेक्शन रेट का यही आंकड़ा 32% पर था, जिसमें बड़ी बढ़ोतरी हुई है।
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी आंकड़ों की मदद से भारतीय छात्रों के लिए बढ़े वीजा रिजेक्शन रेट की जानकारी दी है। कनाडा के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के डाटा से मालूम चलता है कि अगस्त 2025 में 74% भारतीय आवेदकों के स्टडी परमिट आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए, अगस्त 2023 में यही आंकड़ा 32% था। इस तरह दुनियाभर के छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन रेट पिछले दो सालों में 40% रहा है। इस साल अगस्त में चीन के छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन रेट 24% रहा है, जो काफी कम है।

कनाडा जाने वाले भारतीय छात्र भी घटे
यहां गौर करने वाली बात ये है कि कनाडा में पढ़ने के लिए अप्लाई करने वाले भारतीयों की संख्या भी कम हुई है। अगस्त 2023 में जहां 20,900 भारतीयों ने वीजा के लिए अप्लाई किया था, जबकि अगस्त 2025 में उनकी संख्या घटकर 4500 पर आ चुकी है। कनाडा में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह भारतीयों का है, लेकिन उनके लिए ही सबसे ज्यादा रिजेक्शन रेट भी है। कनाडा ने पिछले साल ही ऐलान किया था कि वह कम संख्या में स्टूडेंट वीजा जारी करेगा, ताकि संसाधनों पर से दबाव कम हो सके।

किन वजहों से बढ़ा वीजा रिजेक्शन?
अब आप सोच रहे होंगे कि कनाडा का वीजा रिजेक्शन रेट क्यों बढ़ गया है। दरअसल, कनाडा ने लगातार दूसरे साल कम संख्या में स्टूडेंट वीजा जारी करने का लक्ष्य रखा है, जिस वजह से हर आवेदन की कड़ाई से जांच हो रही है। अगर थोड़ी सी भी गलती पाई जाती है, तो फिर आवेदन तुरंत रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। साथ ही कनाडाई अधिकारी फर्जी कॉलेज एडमिशन लेटर को लेकर भी हाई अलर्ट पर हैं, जिसे आमतौर पर भारतीय छात्र लेकर पहुंचते हैं, जिनका मकसद पढ़ना नहीं, बल्कि जॉब करना है।

2023 में 1550 फर्जी आवेदन पकड़े गए थे, जिनका संबंध भारतीय छात्रों से था। एक साल बाद जांच में 14 हजार संभावित फर्जी एडमिशन लेटर की जानकारी सामने आई, जिसके जरिए स्टूडेंट वीजा पाया गया था। अब कनाडा ने इस वजह से जांच कड़ी कर दी है और वित्तीय जरूरतों को भी बढ़ा दिया है।
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