मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में अब्दुल कादर अली मोहम्मद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। अब्दुल कादर ड्रग तस्कर इकबाल मिर्ची का पड़ोसी और सहयोगी है। मामला इकबाल मिर्ची की टॉकीज से जुड़ा है। ED का आरोप है कि अब्दुल ने गिरगांव स्थित इकबाल की न्यू रोशन टॉकीज को दो साल पहले तोड़ दया था। इतना ही नहीं उसने टॉकीज तोड़ने के बाद प्लॉटिंग की और इसे 15 करोड़ रुपये में बेचने की कोशिश की, जबकि संपत्ति ED के कब्जे में थी।
अब्दुल कादर अली मोहम्मद ने प्रॉपर्टी को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया था। इकबाल मिर्ची के बहनोई मुख्तार पटका कोविड-19 महामारी के दौरान थिएटर बंद होने तक इसे मैनेज करते थे। मुख्तार पटका ने ED को बताया कि उन्होंने अब्दुल को अटैच किए गए स्ट्रक्चर को गिराने के खिलाफ चेतावनी दी थी।
इकबाल मिर्ची का बेटा फरारइकबाल मिर्ची का बेटा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है और अभी फरार है। उसने ट्राइब्यूनल के सामने एक अर्जी दाखिल की। अर्जी में उसने परिसर से अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की। उसने ईडी से संपत्ति पर कब्जा लेने का भी अनुरोध किया। ED को रोशन टॉकीज गिराए जाने के बारे में तब पता चला जब मिर्ची के बेटे ने अर्जी दाखिल की।
979 करोड़ की प्रॉपर्टी हुई थीं सीजइकबाल मिर्ची का परिवार अदालत में अपने वकील के जरिए से मामले को लड़ रहा है। ED ने पहले इकबाल मिर्ची की 979 करोड़ रुपये की पांच अचल और चल संपत्तियां जब्त की थीं। ये सारी प्रॉपर्टीज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब्त हुई थीं। जब्त की गई प्रॉपर्टीज में रोशन टॉकीज भी शामिल है।
प्रॉपर्टी खरीदने का दावाएफआईआर में कहा गया है कि अब्दुल 1965 से इकबाल मिर्ची को जानता था। 1982 में उनके एक कॉमन फ्रेंड मुमताज पहलवान ने सुझाव दिया कि वे जॉइंट रूप से थिएटर खरीदें। इसे लेकर दोनों में बात हुई। कुल 6 लाख रुपये में संपत्ति खरीदने का सौदा तय हुआ। अब्दुल ने दावा किया कि उन्होंने अपने बैंक खाते से 5.4 लाख रुपये ट्रांसफर किए।
रुपयों का ट्रांसजेक्शन नहीं दिखा पायाED ने पुलिस शिकायत में अब्दुल पर समझौते का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। ED ने कहा कि अब्दुल ने संपत्ति को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया। ED का यह भी कहना है कि अब्दुल यह दिखाने में विफल रहा कि उसने यह प्रॉपर्टी खरीदी थी। वह रुपयों का लेनदेन भी नहीं दिखा पाया।
ट्राइब्यूनल में अटका केसईडी ने 2019 में इकबाल मिर्ची और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। जांच के एक साल बाद 2020 में रोशन टॉकीज सहित कई संपत्तियां जब्त की गईं। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ED संपत्ति पर कब्जा लेना चाहता था, लेकिन मिर्ची के रिश्तेदारों ने अपीलीय न्यायाधिकरण से स्टे ले लिया। तब से यह मामला ट्राइब्यूनल में फंसा है। पांच साल से कोई फैसला नहीं आया है।
अब्दुल कादर अली मोहम्मद ने प्रॉपर्टी को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया था। इकबाल मिर्ची के बहनोई मुख्तार पटका कोविड-19 महामारी के दौरान थिएटर बंद होने तक इसे मैनेज करते थे। मुख्तार पटका ने ED को बताया कि उन्होंने अब्दुल को अटैच किए गए स्ट्रक्चर को गिराने के खिलाफ चेतावनी दी थी।
इकबाल मिर्ची का बेटा फरारइकबाल मिर्ची का बेटा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है और अभी फरार है। उसने ट्राइब्यूनल के सामने एक अर्जी दाखिल की। अर्जी में उसने परिसर से अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की। उसने ईडी से संपत्ति पर कब्जा लेने का भी अनुरोध किया। ED को रोशन टॉकीज गिराए जाने के बारे में तब पता चला जब मिर्ची के बेटे ने अर्जी दाखिल की।
979 करोड़ की प्रॉपर्टी हुई थीं सीजइकबाल मिर्ची का परिवार अदालत में अपने वकील के जरिए से मामले को लड़ रहा है। ED ने पहले इकबाल मिर्ची की 979 करोड़ रुपये की पांच अचल और चल संपत्तियां जब्त की थीं। ये सारी प्रॉपर्टीज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब्त हुई थीं। जब्त की गई प्रॉपर्टीज में रोशन टॉकीज भी शामिल है।
प्रॉपर्टी खरीदने का दावाएफआईआर में कहा गया है कि अब्दुल 1965 से इकबाल मिर्ची को जानता था। 1982 में उनके एक कॉमन फ्रेंड मुमताज पहलवान ने सुझाव दिया कि वे जॉइंट रूप से थिएटर खरीदें। इसे लेकर दोनों में बात हुई। कुल 6 लाख रुपये में संपत्ति खरीदने का सौदा तय हुआ। अब्दुल ने दावा किया कि उन्होंने अपने बैंक खाते से 5.4 लाख रुपये ट्रांसफर किए।
रुपयों का ट्रांसजेक्शन नहीं दिखा पायाED ने पुलिस शिकायत में अब्दुल पर समझौते का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। ED ने कहा कि अब्दुल ने संपत्ति को अपने नाम पर ट्रांसफर कर लिया। ED का यह भी कहना है कि अब्दुल यह दिखाने में विफल रहा कि उसने यह प्रॉपर्टी खरीदी थी। वह रुपयों का लेनदेन भी नहीं दिखा पाया।
ट्राइब्यूनल में अटका केसईडी ने 2019 में इकबाल मिर्ची और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। जांच के एक साल बाद 2020 में रोशन टॉकीज सहित कई संपत्तियां जब्त की गईं। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ED संपत्ति पर कब्जा लेना चाहता था, लेकिन मिर्ची के रिश्तेदारों ने अपीलीय न्यायाधिकरण से स्टे ले लिया। तब से यह मामला ट्राइब्यूनल में फंसा है। पांच साल से कोई फैसला नहीं आया है।
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