जबलपुर: मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की जान को खतरा बने शिकारी लगातार सक्रिय रहते हैं। कान्हा टाइगर रिजर्व में एक तेंदुए के अवशेष जमीन से बाहर निकाले गए हैं। शिकारी के गुनाह का अहम सबूत बना तेंदुए का जबड़ा और हड्डियां उसे उसके गुनाह की सजा दिलाने के लिए काफी हैं। शिकारी ने करीब एक साल पहले करंट लगाकर तेंदुए को मार डाला था। उसके नाखून काटकर शव जमीन में दफन कर दिया था।
वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व में करीब एक साल पहले करंट लगाकर तेंदुए का शिकार करने के बाद आरोपी ने उसके नाखून काटने के बाद शव को दफना दिया था। कान्हा टाइगर रिजर्व ने आरोपी को गिरफ्तार कर गढ्ढा खोदकर तेंदुए के अवशेष को बाहर निकालते हुए आवश्यक कार्यवाही की।
जिसे नाखून बेचने दिए, वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया
कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रविंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर परिक्षेत्र अधिकारी समनापुर ने धीरसिंह उईके, पिता पिरमु उईके, निवासी पटपरा को हिरासत में लिया था। तलाशी के दौरान उसके पास से 3 नग वन्य प्राणियों के नाखून बरामद हुए थे। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने वन्य प्राणियों के नाखून चेतराम पन्द्रे निवासी खटिया ने उसे बेचने के लिए दिए थे। वन विभाग की टीम ने चेतराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि एक साल पहले चीतल का शिकार करने करंट लगाया था। करंट की चपेट में आने के कारण तेंदुए की मौत हो गई थी। उसने तेंदुए के नाखून काटने के बाद शव को मैदान में गड्ढा खोदकर दफना दिया था।
डॉग स्क्वायड ने खोज निकाला तेंदुआ
शिकारी की निशानदेही के बाद वन विभाग ने उस इलाके में जांच पड़ताल की थी। मामले में डॉग स्क्वायड की मदद से तेंदुए को दफनाए जाने वाले स्थान को तलाश लिया गया। आरोपी की निशानदेही पर वन कक्ष क्रमांक 692 बीट किसली वन परिक्षेत्र किसली में चुप्पे मैदान के पास खुदाई की गई। खुदाई में तेन्दुए की हड्डी एवं अन्य अवशेष बरामद हुए। जांच में तेंदुए के कुछ अंग गायब पाए गए। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है।
वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व में करीब एक साल पहले करंट लगाकर तेंदुए का शिकार करने के बाद आरोपी ने उसके नाखून काटने के बाद शव को दफना दिया था। कान्हा टाइगर रिजर्व ने आरोपी को गिरफ्तार कर गढ्ढा खोदकर तेंदुए के अवशेष को बाहर निकालते हुए आवश्यक कार्यवाही की।
जिसे नाखून बेचने दिए, वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया
कान्हा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रविंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर परिक्षेत्र अधिकारी समनापुर ने धीरसिंह उईके, पिता पिरमु उईके, निवासी पटपरा को हिरासत में लिया था। तलाशी के दौरान उसके पास से 3 नग वन्य प्राणियों के नाखून बरामद हुए थे। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने वन्य प्राणियों के नाखून चेतराम पन्द्रे निवासी खटिया ने उसे बेचने के लिए दिए थे। वन विभाग की टीम ने चेतराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि एक साल पहले चीतल का शिकार करने करंट लगाया था। करंट की चपेट में आने के कारण तेंदुए की मौत हो गई थी। उसने तेंदुए के नाखून काटने के बाद शव को मैदान में गड्ढा खोदकर दफना दिया था।
डॉग स्क्वायड ने खोज निकाला तेंदुआ
शिकारी की निशानदेही के बाद वन विभाग ने उस इलाके में जांच पड़ताल की थी। मामले में डॉग स्क्वायड की मदद से तेंदुए को दफनाए जाने वाले स्थान को तलाश लिया गया। आरोपी की निशानदेही पर वन कक्ष क्रमांक 692 बीट किसली वन परिक्षेत्र किसली में चुप्पे मैदान के पास खुदाई की गई। खुदाई में तेन्दुए की हड्डी एवं अन्य अवशेष बरामद हुए। जांच में तेंदुए के कुछ अंग गायब पाए गए। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक कस्टडी में भेज दिया है।
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