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अमित शाह के इस बड़ कदम से चौंक गए सियासी सूरमा, कभी भी हो सकता है गुजरात BJP के नए अध्यक्ष का ऐलान

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अहमदाबाद/सूरत: गुजरात के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक कदम से राजनीति गरमा गई है। शाह रविवार को सूरत पहुंचे तो केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के घर गए। अमित शाह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे सीआर पाटिल के पूरे परिवार से आत्मीय मुलाकात की। अमित शाह पाटिल की मां से भी मिले। अमित शाह सीआर पाटिल के घर ऐसे वक्त पर पहुंचे हैं जब राज्य में बीजेपी के प्रदेशअध्यक्ष यानी सीआर पाटिल के उत्तराधिकारी के चयन का मामला अटका हुआ है। गुजरात के राजनीतिक हलकों दावा किया जाता रहा है कि सीआर पाटिल और अमित शाह के बीच रिश्ते ठीक नहीं रहे, लेकिन शाह के कदम ने राजनीतिक विश्लेषकों को न सिर्फ चौंका दिया है बल्कि दूसरे सियासी सूरत में अचरज में हैं। शाह ने आलोचकों काे संदेश दिया है कि वह अगर सूरत में हैं तो अपने पार्टी नेता के घर जाने में उन्हें कोई संकोच नहीं है। नवरात्रि से पहले गुजरात पहुंचे शाह सूरत, राजकोट और अहमदाबाद के कुछ कार्यक्रमों में शामिल होंगे।





जल्द आ सकती है 'गुड न्यूज'

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल गुजरात में बीजेपी के सबसे कामयाब प्रदेश अध्यक्ष साबित हुए हैं। संगठन पर उनके करीबी लोग काबिज रहे हैं। गुजरात में बीजेपी सभी जिलों और शहरों के प्रमुख नियुक्त कर चुकी है लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह ही प्रदेश अध्यक्ष का मामला अटका हुआ है। सूरत में अमित शाह के सीआर पाटिल के घर जाने को रिश्तों में नई गर्माहट के तौर देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही संगठन को कैप्टन मिल सकता है। सीआर पाटिल के उत्तराधिकारी पर छाया सस्पेंस खत्म हो सकता है। पिछले कुछ सालों से सूरत गुजरात में राजनीति का पावर सेंटर है। सीआर पाटिल जहां अभी केंद्रीय मंत्री हैं तो वहीं सूरत से पांच विधायक भूपेंद्र पटेल सरकार में मंत्री हैं। ऐसी चर्चा है कि नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अब जल्द हो सकती है।





नई टीम में दिख सकता है समन्वय

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमित शाह जिसका नाम तय करेंगे। उसी नेता को संगठन की कमान मिलेगी। शाह का सीआर पाटिल के घर जाना सिर्फ महज दौरा नहीं बल्कि इसके कई सियासी संदेश हैं। जो लोग इस बात के हवा देते हैं कि दोनों के बीच दूरी या फिर रिश्ते ठीक नहीं है। शाह ने उन सभी को दौरा करके चुप करा दिया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नई टीम में सीआर पाटिल के समर्थकों और उनके करीबियों को सभी समायोजित किया जा सकता है। ऐसे में नया अध्यक्ष जो भी होगा उसकी टीम में एक समन्वय की स्थिति रह सकती है। पाटिल की अगुवाई में बीजेपी ने 2022 के चुनावों में 182 में 156 सीटें जीती थीं। जो नया कीर्तिमान है।
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