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ट्रूडो वाली बात नहीं... रिश्ते सुधारने की दिशा में भारत और कनाडा ने बढ़ा दिए कदम, इन दो तस्वीरों से समझिए

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नई दिल्ली: भारत और कनाडा के रिश्ते एक बार फिर सहज होते दिख रहे हैं। पटरी से उतरे इन दोनों देशों के रिश्ते को वापस पटरी पर लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के भारत आगमन और यहां एस जयशंकर और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच के बीतचीत को नई गति दी है। कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। ऐसे में आज की मीटिंग महज औपचारिकता नहीं, बल्कि भरोसा बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।



रविवार शाम भारत पहुंचीं कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने सोमवार नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी भारत यात्रा से द्विपक्षीय साझेदारी को नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री आनंद का स्वागत किया और कहा कि उनकी यात्रा भारत-कनाडा द्विपक्षीय साझेदारी को नई गति देने के लिए जारी प्रयासों में योगदान देगी।



बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान मोदी ने इस साल जून में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि उस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ 'बेहद सार्थक' बैठक की थी। पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री ने व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, कृषि और दोनों देशों नागरिकों के बीच संबंधों में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग के महत्व पर चर्चा की।



इससे पहले अनीता आनंद ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने विश्वास बहाली और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की अपनी मंशा दोहराई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा पिछले दो महीनों में भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति हुई है। हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक तंत्रों को बहाल करने और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहे हैं।



विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हाल ही में हुई बातचीत हमारी सुरक्षा चिंताओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमें एक खुला समाज, विविधता और बहुलवाद दिखाई देता है, जो सभी घनिष्ठ सहयोग का आधार बनते हैं। जयशंकर ने कहा दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, AI और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है।

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