उमरिया: जिले में कोदो की फसल बोना अब आसान नहीं है, एक तरफ केंद्र सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने की बात करती है। दूसरी तरफ जिला प्रशासन कोदो के फसल की जांच कर ख़राब पाये जाने पर उसको नष्ट करने की बात करता है। जिसके चलते किसान अब असमंजस की स्थिति में हैं कि कोदो की फसल बोयें या नहीं। फिर भी किसान हिम्मत कर कोदो की फसल तो बो दिये लेकिन अब उसमें से ख़राब फसल के नाम पर पार्क सीमा से लगे गांवों की फसल जांच कर नष्ट करने का काम शुरू कर दिया है।
जंगली हाथियों की मौत के बाद चर्चा में आई कोदो
इसके पीछे दलील दी जा रही है कि अक्टूबर 2024 में एक के बाद एक दस जंगली हाथियों की मौत हो गई थी। पीएम रिपोर्ट में फंगस लगी कोदो की फसल खाने से मौत की जानकारी सामने आई थी लेकिन उसी कोदो की फसल को ग्रामीणों के मवेशी खाये थे और उनकी मौत नहीं हुई थी। फिर भी पार्क प्रबंधन ने जांच रिपोर्ट को मैनेज कर हाथियों की मौत का सारा जिम्मा कोदो की फसल पर ही मढ़ दिया था। जिसके चलते ग्रामीणों की फसल को जेसीबी से नष्ट करवा दिया था। व्यापारी भी मौके का फायदा उठा कर किसानों के कोदो को मिट्टी मोल ख़रीदे थे और उसी कोदो के कोदई को महंगे दामों मे बेच कर भरपूर मुनाफा कमाए।
फसल की हो रही निगरानी
तब से ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गांवों में बोई गई कोदो की फसल को जंगली हाथियों की मौत का जिम्मेदार मान कर सतर्कता बरती जा रही है। बीटीआर क्षेत्र से लगे खेतों में बोई गई कोदो की फसल की निगरानी की जा रही है। वहीं अगर देखा जाए तो हाथियों की मूवमेंट सामान्य वन मंडल में भी रहती है। बीटीआर, जिला प्रशासन के साथ और कृषि विभाग के अधिकारी कोदो की ख़राब फसल की निगरानी करने एवं नष्ट करने में जुटा हुआ है।
अपनी बात से मुकरे कृषि उप संचालक
वहीं कृषि विभाग के उप संचालक संग्राम सिंह मराबी अपनी बात से मुकर गए हैं। उन्होंने पिछले वर्ष दावा किया था कि हाथियों की मौत कोदो की फसल खाने से नहीं हो सकती। अब वही उप संचालक कह रहे हैं कि 'फसल में फंगस लग गई है। अभी बीच में एक दो सप्ताह पहले ताला के पास ग्राम माला में किसान गर्मी में उड़द और मूंग की फसल बोए थे। उसके साथ कोदो भी जम गया और फसल अब पक गई। पकने के बाद जब पानी गिरा और धूप निकली तो उसमें फंगस लग गई। जब गांव के किसान वहां ले जाकर मवेशियों को चराए तो पता चला कि मवेशी बीमार होने लगे। हमने गांव विजिट किया और मवेशियों का इलाज किया। फंगस लगी फसल को नष्ट कर दिया।'
'कलेक्टर ने गठित की है टीम'
कृषि उप संचालक ने बताया है कि 'कलेक्टर साहब के द्वारा संयुक्त टीम गठित की गई है। जिसमें हमारे आरईओ, एसडीओ, तहसीलदार, पटवारी सभी लोग शामिल हैं। सभी को निर्देश दिए हैं कि जहां पौधों में ऐसा सिस्टम डेवलप होता है, वहां तत्काल उस फसल को नष्ट किया जाए। हमारे आरएईओ और एसएडीओ विजिट कर रहे हैं। उनके आधार पर कोदो की फसल अभी मेच्योर नहीं हुई है। हम लोग सतत निगरानी बनाए हुए हैं। फॉरेस्ट की टीम और हमारी टीम इसमें काम कर रही है।'
जंगली हाथियों की मौत के बाद चर्चा में आई कोदो
इसके पीछे दलील दी जा रही है कि अक्टूबर 2024 में एक के बाद एक दस जंगली हाथियों की मौत हो गई थी। पीएम रिपोर्ट में फंगस लगी कोदो की फसल खाने से मौत की जानकारी सामने आई थी लेकिन उसी कोदो की फसल को ग्रामीणों के मवेशी खाये थे और उनकी मौत नहीं हुई थी। फिर भी पार्क प्रबंधन ने जांच रिपोर्ट को मैनेज कर हाथियों की मौत का सारा जिम्मा कोदो की फसल पर ही मढ़ दिया था। जिसके चलते ग्रामीणों की फसल को जेसीबी से नष्ट करवा दिया था। व्यापारी भी मौके का फायदा उठा कर किसानों के कोदो को मिट्टी मोल ख़रीदे थे और उसी कोदो के कोदई को महंगे दामों मे बेच कर भरपूर मुनाफा कमाए।
फसल की हो रही निगरानी
तब से ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे गांवों में बोई गई कोदो की फसल को जंगली हाथियों की मौत का जिम्मेदार मान कर सतर्कता बरती जा रही है। बीटीआर क्षेत्र से लगे खेतों में बोई गई कोदो की फसल की निगरानी की जा रही है। वहीं अगर देखा जाए तो हाथियों की मूवमेंट सामान्य वन मंडल में भी रहती है। बीटीआर, जिला प्रशासन के साथ और कृषि विभाग के अधिकारी कोदो की ख़राब फसल की निगरानी करने एवं नष्ट करने में जुटा हुआ है।
अपनी बात से मुकरे कृषि उप संचालक
वहीं कृषि विभाग के उप संचालक संग्राम सिंह मराबी अपनी बात से मुकर गए हैं। उन्होंने पिछले वर्ष दावा किया था कि हाथियों की मौत कोदो की फसल खाने से नहीं हो सकती। अब वही उप संचालक कह रहे हैं कि 'फसल में फंगस लग गई है। अभी बीच में एक दो सप्ताह पहले ताला के पास ग्राम माला में किसान गर्मी में उड़द और मूंग की फसल बोए थे। उसके साथ कोदो भी जम गया और फसल अब पक गई। पकने के बाद जब पानी गिरा और धूप निकली तो उसमें फंगस लग गई। जब गांव के किसान वहां ले जाकर मवेशियों को चराए तो पता चला कि मवेशी बीमार होने लगे। हमने गांव विजिट किया और मवेशियों का इलाज किया। फंगस लगी फसल को नष्ट कर दिया।'
'कलेक्टर ने गठित की है टीम'
कृषि उप संचालक ने बताया है कि 'कलेक्टर साहब के द्वारा संयुक्त टीम गठित की गई है। जिसमें हमारे आरईओ, एसडीओ, तहसीलदार, पटवारी सभी लोग शामिल हैं। सभी को निर्देश दिए हैं कि जहां पौधों में ऐसा सिस्टम डेवलप होता है, वहां तत्काल उस फसल को नष्ट किया जाए। हमारे आरएईओ और एसएडीओ विजिट कर रहे हैं। उनके आधार पर कोदो की फसल अभी मेच्योर नहीं हुई है। हम लोग सतत निगरानी बनाए हुए हैं। फॉरेस्ट की टीम और हमारी टीम इसमें काम कर रही है।'
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