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RSS के पथ संचलन में हिस्सा लेना कुक को पड़ा भारी, कर्नाटक सरकार ने नौकरी से निकाला

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बेंगलुरु : कर्नाटक में लड़को के हॉस्टल में खाना बनाने वाले एक कुक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( आरएसएस ) के एक कार्यक्रम में भाग लेना भारी पड़ गया। सरकार ने उसे ऐसा करने पर नौकरी से निकाल दिया है। कर्नाटक सरकार ने कहा कि उसने बसवकल्याण में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के एक छात्रावास के सहायक रसोइये को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन में भाग लेने पर कथित रूप से कार्यमुक्त कर दिया है।

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी को 20 अक्टूबर को व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायत मिली थी कि सहायक रसोइये प्रमोद कुमार ने पथ संचलन में भाग लिया था। बसवकल्याण तालुका पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी ने बीदर जिला श्रम सेवा बहुउद्देशीय सहकारी समिति के सचिव/मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कुमार को कार्यमुक्त किया जाए।



रसोइये के रूप में काम कर रहे थे प्रमोद

पत्र में कहा गया है कि प्रमोद कुमार बाह्य स्रोतों के माध्यम से बसवकल्याण के प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास में सहायक रसोइये के रूप में काम कर रहे हैं। सरकार से वेतन ले रहे स्थायी/बाह्य स्रोत कर्मचारियों पर कानून के अनुसार किसी भी संगठन में भाग लेने पर प्रतिबंध है। इसमें कहा गया है कि प्रमोद कुमार को 21 अक्टूबर की सुबह बीदर जिला श्रम सेवा बहुउद्देशीय सहकारी समिति के सचिव/मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय में ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है।



पिछले हफ्ते भी हुई थी इसी तरह की कार्रवाई

पिछले हफ्ते, सरकार ने पंचायत विकास अधिकारी प्रवीण कुमार के पी को रायचूर के लिंगसुगुर में आरएसएस शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए निलंबित कर दिया था। यह कार्रवाई ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियंक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को लिखे एक पत्र के बाद हुई। प्रियंक खरगे ने पत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंध रखने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आग्रह किया था। मंत्री ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमावाली का हवाला दिया था जो सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक संबद्धता वाले संगठनों की सदस्यता लेने या उनके कार्यक्रमों में शामिल होने से रोकती है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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