कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की एक रैली का नेतृत्व किया। यह रैली मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में आयोजित की गई थी। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगाली प्रवासियों को बांग्लादेशी बताकर बंगाल के खिलाफ झूठी खबरें फैला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी एसआईआर के माध्यम से बंगाल के मतदाताओं को डराने की कोशिश कर रही है।
ममता ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला
कोलकाता में आयोजित इस रैली में ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी जानबूझकर बंगाली प्रवासियों को बांग्लादेशी बताकर राज्य के खिलाफ गलत सूचना फैला रही है। यह सब मतदाताओं को डराने-धमकाने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। ममता बनर्जी के अनुसार, मतदाता सूचियों का यह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) बीजेपी का एक हथकंडा है। इसके जरिए वे पश्चिम बंगाल के मतदाताओं में भय का माहौल बनाना चाहते हैं। तृणमूल कांग्रेस इस कदम का पुरजोर विरोध कर रही है।
चुनाव आयोग से की डिमांड
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कि निर्वाचन आयोग को अवश्य ही यह खुलासा करना चाहिए कि एसआईआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मिले।
SIR बेहद समझौतावादी संस्था की ओर से की जा रही ‘हेराफेरी’: डेरेक ओ'ब्रायन
उधर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद को मंगलवार को एक बेहद समझौतावादी संस्था (निर्वाचन आयोग) की ओर से की जा रही हेराफेरी करार दिया। इसके साथ ही ओ'ब्रायन ने दावा किया कि उनकी पार्टी 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करेगी। दरअसल चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में एसआईआर के दूसरे चरण का आयोजन करेगा, जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
ओ'ब्रायन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, 2011, 2014, 2016, 2019, 2021, 2024। लगातार चुनावी जीत। लोग तृणमूल पर भरोसा करते आए हैं। ओ'ब्रायन 2011, 2016, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों और 2014, 2019, 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी मिलकर एसआईआर के खिलाफ लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं, जो कि बेहद समझौतावादी (निर्वाचन आयोग) संस्था की ओर से की जा रही एक हेराफेरी है।
ममता ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला
कोलकाता में आयोजित इस रैली में ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी जानबूझकर बंगाली प्रवासियों को बांग्लादेशी बताकर राज्य के खिलाफ गलत सूचना फैला रही है। यह सब मतदाताओं को डराने-धमकाने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। ममता बनर्जी के अनुसार, मतदाता सूचियों का यह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) बीजेपी का एक हथकंडा है। इसके जरिए वे पश्चिम बंगाल के मतदाताओं में भय का माहौल बनाना चाहते हैं। तृणमूल कांग्रेस इस कदम का पुरजोर विरोध कर रही है।
चुनाव आयोग से की डिमांड
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कि निर्वाचन आयोग को अवश्य ही यह खुलासा करना चाहिए कि एसआईआर के बाद बिहार में कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मिले।
SIR बेहद समझौतावादी संस्था की ओर से की जा रही ‘हेराफेरी’: डेरेक ओ'ब्रायन
उधर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद को मंगलवार को एक बेहद समझौतावादी संस्था (निर्वाचन आयोग) की ओर से की जा रही हेराफेरी करार दिया। इसके साथ ही ओ'ब्रायन ने दावा किया कि उनकी पार्टी 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करेगी। दरअसल चुनाव आयोग 12 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में एसआईआर के दूसरे चरण का आयोजन करेगा, जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
ओ'ब्रायन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, 2011, 2014, 2016, 2019, 2021, 2024। लगातार चुनावी जीत। लोग तृणमूल पर भरोसा करते आए हैं। ओ'ब्रायन 2011, 2016, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों और 2014, 2019, 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी मिलकर एसआईआर के खिलाफ लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं, जो कि बेहद समझौतावादी (निर्वाचन आयोग) संस्था की ओर से की जा रही एक हेराफेरी है।
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