बेंगलुरु: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बयान ने बहस छेड़ दी है। शिवकुमार ने टनल रोड प्रोजेक्ट का बचाव करते हुए कहा कि आजकल लोग अपनी लड़कियों की ऐसे लड़कों से शादी नहीं करते जिनके पास कार नहीं होती। लोग परिवार के साथ अपनी गाड़ी में सफर करना पसंद करते हैं। क्या मैं लोगों को कार लाने से रोक सकता हूं? यह सामाजिक जिम्मेदारी का मामला है। इस बारे में सांसदों को जनता में जागरुकता लानी चाहिए।
टीओाई के मुताबिक मंगलवार को बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने डीके शिवकुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने कार-ओनली टनल प्रोजेक्ट को रद्द कर उसकी जगह मेट्रो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में निवेश की मांग की थी। सूर्या ने कहा था कि टनल प्रति घंटे सिर्फ 1800 कारें संभालेगी, जबकि समान लागत में मेट्रो करीब 69,000 यात्रियों को ले जा सकती है। हमें अधिक कारों की बजाय अधिक लोगों के सफर पर ध्यान देना चाहिए।
सूर्या ने दिया था ये सुझाव
सूर्या ने सुझाव दिया कि बेंगलुरु के लिए एक व्यापक परिवहन योजना बनाई जाए, जिसमें 300 किमी की मेट्रो लाइन, 314 किमी की उपनगरीय रेल प्रणाली और छोटी दूरी के लिए आधुनिक ट्राम सेवाएं शामिल हों। उन्होंने आउटर रिंग रोड (ORR) पर हर 5-10 मिनट में चलने वाली हाई-फ्रीक्वेंसी शटल सेवाओं की भी मांग की, ताकि लोगों को आखिरी मील तक कनेक्टिविटी मिले और कार पर निर्भरता कम हो। सूर्या ने यह भी मांग की कि बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन लैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (BMLTA) का गठन जल्द से जल्द किया जाए और एक समर्पित अध्यक्ष नियुक्त किया जाए ताकि शहर की विभिन्न परिवहन एजेंसियों और परियोजनाओं में तालमेल बिठाया जा सके।
तेजस्वी को दे डाली सलाह
शिवकुमार ने इस पर तेजस्वी से कहा कि उन्हें सलाह देने की बजाय पीएम से अधिक फंड लाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि सूर्या ने कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि टनल रोड मुख्य रूप से कारों के लिए है और मेट्रो नेटवर्क का विस्तार चाहते हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। शिवकुमार ने आगे कहा कि लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे केंद्र सरकार से मेट्रो के लिए और अधिक धन लाएं। अभी हमें कुल परियोजना लागत का केवल 10-12% ही मिलता है। मैं बेंगलुरु के सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वे प्रधानमंत्री से मिलें - मैं भी उनके साथ चलूंगा।
टीओाई के मुताबिक मंगलवार को बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने डीके शिवकुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने कार-ओनली टनल प्रोजेक्ट को रद्द कर उसकी जगह मेट्रो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में निवेश की मांग की थी। सूर्या ने कहा था कि टनल प्रति घंटे सिर्फ 1800 कारें संभालेगी, जबकि समान लागत में मेट्रो करीब 69,000 यात्रियों को ले जा सकती है। हमें अधिक कारों की बजाय अधिक लोगों के सफर पर ध्यान देना चाहिए।
सूर्या ने दिया था ये सुझाव
सूर्या ने सुझाव दिया कि बेंगलुरु के लिए एक व्यापक परिवहन योजना बनाई जाए, जिसमें 300 किमी की मेट्रो लाइन, 314 किमी की उपनगरीय रेल प्रणाली और छोटी दूरी के लिए आधुनिक ट्राम सेवाएं शामिल हों। उन्होंने आउटर रिंग रोड (ORR) पर हर 5-10 मिनट में चलने वाली हाई-फ्रीक्वेंसी शटल सेवाओं की भी मांग की, ताकि लोगों को आखिरी मील तक कनेक्टिविटी मिले और कार पर निर्भरता कम हो। सूर्या ने यह भी मांग की कि बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन लैंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (BMLTA) का गठन जल्द से जल्द किया जाए और एक समर्पित अध्यक्ष नियुक्त किया जाए ताकि शहर की विभिन्न परिवहन एजेंसियों और परियोजनाओं में तालमेल बिठाया जा सके।
तेजस्वी को दे डाली सलाह
शिवकुमार ने इस पर तेजस्वी से कहा कि उन्हें सलाह देने की बजाय पीएम से अधिक फंड लाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि सूर्या ने कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि टनल रोड मुख्य रूप से कारों के लिए है और मेट्रो नेटवर्क का विस्तार चाहते हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। शिवकुमार ने आगे कहा कि लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे केंद्र सरकार से मेट्रो के लिए और अधिक धन लाएं। अभी हमें कुल परियोजना लागत का केवल 10-12% ही मिलता है। मैं बेंगलुरु के सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वे प्रधानमंत्री से मिलें - मैं भी उनके साथ चलूंगा।
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