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गाजियाबाद: 9 साल के प्रिंस को लील गई लापरवाही! खुले पड़े सेप्टिक टैंक में गिरने से छात्र की मौत, 3 साल से खुला

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गाजियाबाद: बिचपटा कॉलोनी में नगर पालिका परिषद की लापरवाही से निर्माणाधीन शौचालय के सेप्टिक टैंक में डूबने से नौ साल के बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए लोगों ने नगर पालिका परिषद पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। इतना ही नहीं ठेकेदार, अधिशासी अधिकारी और एक अवर अभियंता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पालिका प्रशासन ने ठेकेदार पर मामला दर्ज कराने का आश्वासन दिया। उधर, ठेकेदार ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है। बताया गया कि तीन साल से टैंक खुला है। कई बार शिकायत करने के बाद भी इसकी सुनवाई नहीं हुई। अब हादसा होने के बाद अधिकारियों ने एक्शन लेने की बात कही है।

शहर की बिचपटा कॉलोनी में सोनू अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका नौ साल का बेटा प्रिंस चौथी क्लास में पढ़ता था। सोमवार देर शाम वह अपने दोस्तों के साथ घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान खेलते हुए अपने घर से कुछ दूरी पर निर्माणाधीन शौचालय के पास पहुंच गया।



देर रात को कुछ लोगों ने देखा कि नगर पालिका परिषद के शौचालय का टैंक खुला है। लोगों को अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद कुछ मजदूरों को बुलाकर पहले टैंक से पानी को बाहर निकलवाया। पानी कम हुआ तो उसमें प्रिंस को डूबी हुई स्थिति में पाया। उन्होंने पड़ोसियों की मदद से प्रिंस को बाहर निकालकर अस्पताल में ले गए। वहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रिंस की मौत की जानकारी लगने के बाद कॉलोनी के लोग भड़क गए। सैकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो गई और इसकी सूचना पुलिस को दी गई।

सूचना मिलने मौके पर थाना प्रभारी अंकित कुमार पुलिस फोर्स के पहुंच गए। उन्होंने नाराज लोगों को शांत कर आश्वासन दिया कि इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बाद में प्रिंस के मां की ओर से संबंधित ठेकेदार के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई। पूर्व सभासद रोहतास जाटव व सभासद पति योगेंद्र जाटव का कहना है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलकर मासूम की जान ले ली। उन्होंने जिलाधिकारी से से भी इस मामले दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की है।

ठेकेदार ने दिया पांच लाख का मुआवजा
घटना की सूचना मिलने पर टैंक बनाने वाला ठेकेदार आशु भी मौके पर पहुंचा। लोगों के आक्रोश को देखते हुए उसने पांच लाख रुपये का मुआवजा परिवार को सौंपा। उन्होंने गड्ढे को खुला छोड़ने वाले कर्मचारी के लिए खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
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