Dev Diwali Puja Vidhi 2025 Muhurat Time: हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 5 नवंबर, बुधवार को देव दिवाली पड़ रही है। इस दिन शाम के समय लक्ष्मीनारायण की विधि-विधान से पूजा और आरती की जाती है। साथ ही, खास दीपक प्रज्वलित किए जाते हैं। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि हमेशा शुभ मुहूर्त में ही पूजा-पाठ करना चाहिए और दीपक जलाने चाहिए। तो आइए जानते हैं की देव दिवाली के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और दीपक जलाने का समय क्या रहेगा।
देव दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त देव दिवाली के दिन प्रदोष काल में दीपक जलाने का खास महत्व होता है और इस समय को सबसे उत्तम माना जाता है। 5 नवंबर, बुधवार के दिन शाम को 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक का समय पूजा करने के लिए सबसे श्रेष्ठ रहेगा।
देव दिवाली पर दीपक जलाने का शुभ मुहूर्तइस दिन पूजा के बाद दीपक जरूर जलाने चाहिए। जिसका शुभ समय शाम को 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक होगा। इस अवधि के दौरान दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाएगा।
देव दिवाली पूजा की विधि
देव दिवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त देव दिवाली के दिन प्रदोष काल में दीपक जलाने का खास महत्व होता है और इस समय को सबसे उत्तम माना जाता है। 5 नवंबर, बुधवार के दिन शाम को 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक का समय पूजा करने के लिए सबसे श्रेष्ठ रहेगा।
देव दिवाली पर दीपक जलाने का शुभ मुहूर्तइस दिन पूजा के बाद दीपक जरूर जलाने चाहिए। जिसका शुभ समय शाम को 5 बजकर 30 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक होगा। इस अवधि के दौरान दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाएगा।
देव दिवाली पूजा की विधि
- शाम के समय प्रदोष काल में पूजा घर में गंगाजल का छिड़काव करें और उस स्थान को सुबह ही अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद, एक लकड़ी की चौकी पर पीला या लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
- चौकी पर माता लक्ष्मी और विष्णुजी की तस्वीर स्थापित करें। साथ ही, इस दिन माता पार्वती और शिवजी की भी पूजा करनी चाहिए। अब विष्णु भगवान, शिवजी और मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें। 'ओम नमः शिवाय, ओम नमो भगवते रूद्राय।' और 'ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
- मंत्रों का जाप करने के बाद आरती करें और देवी-देवताओं को भोग लगाएं। अब सात दीपक जलाएं और सात फूल ले लें। इसके बाद, रसोई में एक बड़े बर्तन में पानी भर लें या पानी रखने वाली जगह पर 7 घी के दीपक जलाएं।
- दीपक के सामने पुष्पों को भी जरूर रखें और फिर, फूल और दीयों को 7 जगहों पर रख दें। इनमें से एक शिव के मंदिर के पास, आंवले के पेड़ के नीचे, एक विष्णुजी के मंदिर के पास, बेलपत्र के पेड़ के नीचे, पीपल के वृक्ष के नीचे, रखें। इस प्रकार सात अलग-अलग स्थानों पर दीपक और फूल रखने चाहिए।
- साथ ही, मन में अपनी कामना भी बोलें और कुछ समय बाद वृक्ष के नीचे रखे एक फूल को घर में लाकर रखें। ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त होती है और उनका वास घर में बना रहता है। इस दिन एक दीपक घर की चौखट पर भी जरूर रखना चाहिए।
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