पटना: तो जैसा चाहा मुंगेर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में उन्हें ही टिकट मिला जिसे केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने हरी झंडी दिखाई। मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा और मोकामा विधानसभा से तय उम्मीदवारों को देख कर तो यही लगता है। आइए जानते हैं कहां कहां ललन सिंह ने जादुई छड़ी घुमाई।
मुंगेर विधानसभा का हाल
मुंगेर विधानसभा से तो ललन सिंह ने लगभग असंभव काम कर डाला। वर्ष 2025 मुंगेर विधानसभा से केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह अपना यानी जदयू की तरफ से उम्मीदवार चाहते थे। ललन सिंह की इच्छा थी मुंगेर बंदूक फैक्ट्री के प्रोपराइटर सौरभ निधि को टिकट मिले। यह इच्छा तब कि जब वे जानते थे कि मुंगेर से बीजेपी के सीटिंग विधायक प्रणव कुमार हैं। फिर भी ललन सिंह का सिक्का चल गया। हालांकि उनकी तर्क यह भी था कि पहले मुंगेर जेडीयू के खाते में था। पर 2015 में भूपेंद्र यादव ने यह सीट प्रणव कुमार किए मांगी थी।
जमालपुर विधानसभा
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह जमालपुर से भी कोई तगड़ा उम्मीदवार ढूंढ रहे थे। चर्चा यह था कि वर्ष 2024के लोकसभा चुनाव में जमालपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री शैलेश कुमार ने अपेक्षित सहयोग नहीं किया या नहीं हो पाया। पर इसका प्रभाव ललन सिंह के चुनाव में नकारात्मक पड़ा। इस वजह से वे चाहते थे कि पूर्व सांसद ब्रह्मानंद मंडल के बेटे नचिकेता मंडल को जमालपुर से टिकट मिले। और ऐसा ही हुआ। वैसे भी एक प्लस प्वाइंट यह था कि वर्ष 2020 के जमालपुर विधानसभा चुनाव में शैलेश कुमार को कांग्रेस के अजय कुमार ने परास्त कर दिया था।
सूर्यगढ़ा विधानसभा
सूर्यगढ़ा विधानसभा पर भी केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का जादू चल गया। सूर्यगढ़ा से सीटिंग विधायक प्रहलाद यादव के चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग गया। जदयू की दावेदारी इस सीट पर हुई और इस बार लखीसराय से जेडीयू के अध्यक्ष रामानंद मंडल चुनाव लड़ेंगे।
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मोकामा विधानसभा
मोकामा विधानसभा से अनंत सिंह के चुनाव लड़ने की हरी झंडी भी ललन सिंह ने जब दिखाई तो मामला सुलझ गया। जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद अनंत सिंह हवा में उड़ने लगे थे ,उन्हें बाद में यह समझ आया कि टिकट पाने का समर अभी शेष है। बाद में अनंत सिंह ने भी ललन सिंह से मिल कर अपनी स्थिति दुरुस्त की। और अब जा कर अनंत सिंह टिकट के लिए आश्वस्त हुए।
मुंगेर विधानसभा का हाल
मुंगेर विधानसभा से तो ललन सिंह ने लगभग असंभव काम कर डाला। वर्ष 2025 मुंगेर विधानसभा से केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह अपना यानी जदयू की तरफ से उम्मीदवार चाहते थे। ललन सिंह की इच्छा थी मुंगेर बंदूक फैक्ट्री के प्रोपराइटर सौरभ निधि को टिकट मिले। यह इच्छा तब कि जब वे जानते थे कि मुंगेर से बीजेपी के सीटिंग विधायक प्रणव कुमार हैं। फिर भी ललन सिंह का सिक्का चल गया। हालांकि उनकी तर्क यह भी था कि पहले मुंगेर जेडीयू के खाते में था। पर 2015 में भूपेंद्र यादव ने यह सीट प्रणव कुमार किए मांगी थी।
जमालपुर विधानसभा
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह जमालपुर से भी कोई तगड़ा उम्मीदवार ढूंढ रहे थे। चर्चा यह था कि वर्ष 2024के लोकसभा चुनाव में जमालपुर विधानसभा से पूर्व मंत्री शैलेश कुमार ने अपेक्षित सहयोग नहीं किया या नहीं हो पाया। पर इसका प्रभाव ललन सिंह के चुनाव में नकारात्मक पड़ा। इस वजह से वे चाहते थे कि पूर्व सांसद ब्रह्मानंद मंडल के बेटे नचिकेता मंडल को जमालपुर से टिकट मिले। और ऐसा ही हुआ। वैसे भी एक प्लस प्वाइंट यह था कि वर्ष 2020 के जमालपुर विधानसभा चुनाव में शैलेश कुमार को कांग्रेस के अजय कुमार ने परास्त कर दिया था।
सूर्यगढ़ा विधानसभा
सूर्यगढ़ा विधानसभा पर भी केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का जादू चल गया। सूर्यगढ़ा से सीटिंग विधायक प्रहलाद यादव के चुनाव लड़ने पर ग्रहण लग गया। जदयू की दावेदारी इस सीट पर हुई और इस बार लखीसराय से जेडीयू के अध्यक्ष रामानंद मंडल चुनाव लड़ेंगे।
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मोकामा विधानसभा
मोकामा विधानसभा से अनंत सिंह के चुनाव लड़ने की हरी झंडी भी ललन सिंह ने जब दिखाई तो मामला सुलझ गया। जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद अनंत सिंह हवा में उड़ने लगे थे ,उन्हें बाद में यह समझ आया कि टिकट पाने का समर अभी शेष है। बाद में अनंत सिंह ने भी ललन सिंह से मिल कर अपनी स्थिति दुरुस्त की। और अब जा कर अनंत सिंह टिकट के लिए आश्वस्त हुए।
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