शाहीन बेग..मुजम्मिल..अदील मजीद, अहमद मोइयुद्दीन सैयद और दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर। दहशत फैलाने की साजिश रचने के अलावा आखिर वो कौन सी चीज है, जो इन 5 संदिग्ध आतंकियों में कॉमन है? जवाब है-पांचों ही पेशे से डॉक्टर हैं।
एक समय था जब आतंकी संगठन हमलों के लिए समाज के निचले तपके से आने वाले कम पढ़े-लिखे गरीब युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं। मुंबई हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब का परिवार ठेले पर समोसे बेचकर पेट पालता था। बताया जाता है कि उसके पिता ने महज 15000 में उसे लश्कर-ए-तैयबा को सौंप दिया था। लेकिन दिल्ली में चांदनी चौक और लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट और उससे पहले भारी मात्रा में मिले विस्फोटक और संदिग्धों की गिरफ्तारी में कहानी ही पूरी अलग है।
सफेदपोश आतंकी ये संदिग्ध शिक्षित और सम्मानित कामों से जुड़े हुए थे। पांच संदिग्ध तो डॉक्टर हैं, जिनमें से कई सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पुलिस के मुताबिक जांच में जैश-ए-मोहम्मद और उससे जुड़े आतंकी संगठनों का नया मॉड्यूल सामने आया है। पुलिस ने इसे नाम दिया है-White Collar Terror Ecosystem यानी 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'।
तकनीक का इस्तेमाल पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे हैंडलर्स प्रोफेशनल्स और छात्रों का 'ब्रेन वॉश' कर रहे हैं। उन्हें जेहादी और सुसाइड बॉम्बर बना रहे हैं। पुलिस के मुताबिक आतंकी संगठन इनक्रिप्टिड चैनल का इस्तेमाल भड़काने के लिए कर रहे हैं। प्रोफेशनल और एकेडेमिक नेटवर्क की आड़ में फंड इकठ्ठा किया जा रहा है। बाहर से ये चैरिटेबल के काम करते दिख रहे हैं, लेकिन असल में कुछ और ही साजिश रची जा रही है।
अलग-अलग शहरों से साजिश रच रहे थे डॉक्टर इस पूरे आतंकी मॉड्यूल की पहली तार श्रीनगर से जुड़ी। फरीदाबाद के मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रहे डॉक्टर मुजम्मिल के नाम का खुलासा श्रीनगर में लगे पोस्टर्स से हुआ। इस तरह आतंकियों के नए 'सफेदपोश' मॉड्यूल की भनक पुलिस को लगी। डॉक्टर मुजम्मिल से तार जुड़े डॉक्टर शाहीन बेग और डॉक्टर अदील मजीद से। बताया जा रहा है कि लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन जैश की महिला विंग की चीफ है। उसका काम कॉलेज-यूनिवर्सिटी में युवाओं का ब्रेनवॉश करना था।
पुलिस फरीदाबाद से सहारनपुर पहुंची तो एक और सफेदपोश डॉक्टर का नकाब उतरा। डॉक्टर अदील मजीद, जो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। लेकिन एक साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ी और यूपी के सहारनपुर में अपना ठिकाना बना लिया। पुलिस को इनके पास से हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा मिला।
सांसों में जहर घोलने की फिराक में था डॉक्टर दिल्ली ब्लास्ट से पहले एक और डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। इसे गुजरात एटीएस ने धर दबोचा। इसके पास से हथियारों के अलावा 10 लीटर अरंडी का तेल बरामद हुआ। अरंडी के तेल से साइनाइड से भी 9000 गुना ज्यादा खतरनाक Ricin जहर बनाया जा सकता है। यह इतना खतरनाक है कि अगर इसका नमक बराबर कण भी शरीर में चला जाए तो शरीर के सारे अंग काम करने बंद कर देते हैं।
एक समय था जब आतंकी संगठन हमलों के लिए समाज के निचले तपके से आने वाले कम पढ़े-लिखे गरीब युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं। मुंबई हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब का परिवार ठेले पर समोसे बेचकर पेट पालता था। बताया जाता है कि उसके पिता ने महज 15000 में उसे लश्कर-ए-तैयबा को सौंप दिया था। लेकिन दिल्ली में चांदनी चौक और लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट और उससे पहले भारी मात्रा में मिले विस्फोटक और संदिग्धों की गिरफ्तारी में कहानी ही पूरी अलग है।
सफेदपोश आतंकी ये संदिग्ध शिक्षित और सम्मानित कामों से जुड़े हुए थे। पांच संदिग्ध तो डॉक्टर हैं, जिनमें से कई सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पुलिस के मुताबिक जांच में जैश-ए-मोहम्मद और उससे जुड़े आतंकी संगठनों का नया मॉड्यूल सामने आया है। पुलिस ने इसे नाम दिया है-White Collar Terror Ecosystem यानी 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल'।
तकनीक का इस्तेमाल पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे हैंडलर्स प्रोफेशनल्स और छात्रों का 'ब्रेन वॉश' कर रहे हैं। उन्हें जेहादी और सुसाइड बॉम्बर बना रहे हैं। पुलिस के मुताबिक आतंकी संगठन इनक्रिप्टिड चैनल का इस्तेमाल भड़काने के लिए कर रहे हैं। प्रोफेशनल और एकेडेमिक नेटवर्क की आड़ में फंड इकठ्ठा किया जा रहा है। बाहर से ये चैरिटेबल के काम करते दिख रहे हैं, लेकिन असल में कुछ और ही साजिश रची जा रही है।
अलग-अलग शहरों से साजिश रच रहे थे डॉक्टर इस पूरे आतंकी मॉड्यूल की पहली तार श्रीनगर से जुड़ी। फरीदाबाद के मेडिकल कॉलेज से MBBS कर रहे डॉक्टर मुजम्मिल के नाम का खुलासा श्रीनगर में लगे पोस्टर्स से हुआ। इस तरह आतंकियों के नए 'सफेदपोश' मॉड्यूल की भनक पुलिस को लगी। डॉक्टर मुजम्मिल से तार जुड़े डॉक्टर शाहीन बेग और डॉक्टर अदील मजीद से। बताया जा रहा है कि लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन जैश की महिला विंग की चीफ है। उसका काम कॉलेज-यूनिवर्सिटी में युवाओं का ब्रेनवॉश करना था।
पुलिस फरीदाबाद से सहारनपुर पहुंची तो एक और सफेदपोश डॉक्टर का नकाब उतरा। डॉक्टर अदील मजीद, जो अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। लेकिन एक साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ी और यूपी के सहारनपुर में अपना ठिकाना बना लिया। पुलिस को इनके पास से हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा मिला।
सांसों में जहर घोलने की फिराक में था डॉक्टर दिल्ली ब्लास्ट से पहले एक और डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया। इसे गुजरात एटीएस ने धर दबोचा। इसके पास से हथियारों के अलावा 10 लीटर अरंडी का तेल बरामद हुआ। अरंडी के तेल से साइनाइड से भी 9000 गुना ज्यादा खतरनाक Ricin जहर बनाया जा सकता है। यह इतना खतरनाक है कि अगर इसका नमक बराबर कण भी शरीर में चला जाए तो शरीर के सारे अंग काम करने बंद कर देते हैं।
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