नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान और तेलंगाना में बीते दिनों हुए सड़क हादसों का खुद से संज्ञान लिया। कोर्ट ने इस दौरान हाइवे के किनारे अवैध ढाबों पर भी चिंता जताई। कहा कि इन ढाबों पर आने वालों की गाड़ियां हाइवे पर खड़ी रहती हैं, जिनसे हादसे होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सड़क किनारे मौजूद ढाबों और सड़क मेंटेनेंस की स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की बेंच ने कहा कि दो सप्ताह के भीतर एक सर्वे कराया जाए, जिससे यह पता चल सके कि कितने ढाबे राजमार्गों के किनारे ऐसे क्षेत्रों में बनाए गए हैं जो इस तरह की सुविधाओं के लिए अधिसूचित नहीं है यानी अवैध ढाबों के बारे में जानकारी देने को कहा गया है।
टोल वसूली के बाद भी सड़कें खराब...शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा कि कुछ दिन पहले हुई फलोदी (राजस्थान) और तेलंगाना की दुर्घटनाओं में 18 और 19 मौतें हुई। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, टोल वसूली होने के बावजूद खराब सड़क स्थिति और गैर-नोटिफाई स्थानों पर ढाबों की मौजूदगी इन हादसों का कारण बताई गई। रिपोर्टों के अनुसार, 2 नवंबर को फलोदी हादसे में कम से कम 15 लोग मारे गए, जब जोधपुर से बीकानेर जा रहे यात्रियों से भरी एक टेम्पो ट्रैवलर, भारतमाला राजमार्ग पर एक ढाबे के पास खड़े ट्रक से टकरा गई।
ठेकेदारों के मानकों पर भी रिपोर्ट मांगीअदालत ने कहा है कि सामान्य जनता ने उन क्षेत्रों में ढाबे बना लिए है, जहां इसके लिए जगह निर्धारित नहीं है। इससे गाड़ियां हाइवे पर पार्क होती है। दूसरे ड्राइवर इन गाड़ियों को देख नहीं पाते और उनसे टकरा जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में जरूरी है कि NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय विशेष रूप से उन दो राजमार्गों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे जहां ये दुर्घटनाएं हुई। अदालत ने सड़क की गुणवत्ता और रखरखाव के दौरान ठेकेदारों द्वारा अपनाए जाने वाले मानको का विवरण भी मांगा। साथ ही, आदेश दिया कि गृह मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया जाए और उन राज्यो के मुख्य सचिवो को भी नोटिस भेजा जाए जिन राज्यों से संबंधित राजमार्ग गुजरते हैं।
टोल वसूली के बाद भी सड़कें खराब...शीर्ष अदालत ने आदेश में कहा कि कुछ दिन पहले हुई फलोदी (राजस्थान) और तेलंगाना की दुर्घटनाओं में 18 और 19 मौतें हुई। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, टोल वसूली होने के बावजूद खराब सड़क स्थिति और गैर-नोटिफाई स्थानों पर ढाबों की मौजूदगी इन हादसों का कारण बताई गई। रिपोर्टों के अनुसार, 2 नवंबर को फलोदी हादसे में कम से कम 15 लोग मारे गए, जब जोधपुर से बीकानेर जा रहे यात्रियों से भरी एक टेम्पो ट्रैवलर, भारतमाला राजमार्ग पर एक ढाबे के पास खड़े ट्रक से टकरा गई।
ठेकेदारों के मानकों पर भी रिपोर्ट मांगीअदालत ने कहा है कि सामान्य जनता ने उन क्षेत्रों में ढाबे बना लिए है, जहां इसके लिए जगह निर्धारित नहीं है। इससे गाड़ियां हाइवे पर पार्क होती है। दूसरे ड्राइवर इन गाड़ियों को देख नहीं पाते और उनसे टकरा जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में जरूरी है कि NHAI और सड़क परिवहन मंत्रालय विशेष रूप से उन दो राजमार्गों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे जहां ये दुर्घटनाएं हुई। अदालत ने सड़क की गुणवत्ता और रखरखाव के दौरान ठेकेदारों द्वारा अपनाए जाने वाले मानको का विवरण भी मांगा। साथ ही, आदेश दिया कि गृह मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया जाए और उन राज्यो के मुख्य सचिवो को भी नोटिस भेजा जाए जिन राज्यों से संबंधित राजमार्ग गुजरते हैं।
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