ग्रेटर नोएडा: केंद्रीय नागिरक उड्डयन मंत्री ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन की तारीख 30 अक्टूबर तय की है। ऐसे में 25 अक्टूबर तक काम पूरा करने की डेडलाइन को लेकर नायल और यापल के अधिकारियों ने कवायद शुरू कर दी है। अधूरे कामों की लिस्ट बनाई जा रही है, जो काम बचे हैं, उन्हें 25 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चलेगा।
बेशक एयरपोर्ट का संचालन इसी साल में हो जाएगा, पर एयरपोर्ट तक पहुंचना अभी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद व अन्य आसपास के लोगों के लिए आसान नहीं है। कनेक्टिविटी के प्रॉजेक्ट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रॉजेक्ट अभी उस स्थिति में नहीं हैं, जिनसे सहजता पूर्वक एयरपोर्ट तक पहुंचा जा सके।
एयरपोर्ट पर कितना काम हुआ और कितना बाकीसिविल कंस्ट्रक्शन का काम लगभग पूरा हो गया है। फिनिशिग, इंटीरियर आदि का काम चल रहा है। रनवे और एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, जिसमें टैक्सी वे आदि का काम भी लगभग पूरा हो गया है। मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग का स्ट्रक्चर काम काम पूरा हो गया है। यात्री सुविधाओं का काम अब तेजी से चल रहा है। 25 अक्टूबर से पहले ही पूरा हो होने की उम्मीद बताई जा रही है। एयरब्रिजेज, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, चेक-इन/चेक-आउट काउंटर, बोर्डिंग गेट्स जैसी सुविधाएं लगाई जा चुकी है। इन सबके ट्रायल का काम भी हो गया है। एटीसी टावर का काम काफी पहले ही पूरा हो गया है। बकास (बीसीएएस) ने एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एनओसी भी जारी कर दी है, जो कि किसी भी एयरपोर्ट के लिए डीजीसीए की एनओसी लेने के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।
ये काम अभी अधूरे हैंडीजीसीए का लाइसेंस मिलना है। इस लाइसेंस के बाद ही विमान उड़ान भर सकते हैं।
वॉटर ट्रीटमेंट प्लाट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के संचालन होने तक तैयार हो जाएंगे।
फिनिशिग व इंटीरियर वर्क जैसे कि फर्श, लाइटिंग, बैठने की व्यवस्था, गैलरीज, टॉयलेट आदि अभी पूरी तरह तैयार नहीं है।
एप्रोच रोड्स, पार्किंग आदि को लेकर अंतिम रूप देना बाकी है।
टेस्टिंग, ट्रेनिंग, एयरपोर्ट संचालन में शामिल सभी एजेंसियों का अभ्यास व समन्वय आदि सबके लिए अभी काफी काम होने बाकी है।
कहां से कितनी दूरी, रोड के जरिए लगेगा कितना वक्त?
ये होंगे विकल्प
बेशक एयरपोर्ट का संचालन इसी साल में हो जाएगा, पर एयरपोर्ट तक पहुंचना अभी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद व अन्य आसपास के लोगों के लिए आसान नहीं है। कनेक्टिविटी के प्रॉजेक्ट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के प्रॉजेक्ट अभी उस स्थिति में नहीं हैं, जिनसे सहजता पूर्वक एयरपोर्ट तक पहुंचा जा सके।
एयरपोर्ट पर कितना काम हुआ और कितना बाकीसिविल कंस्ट्रक्शन का काम लगभग पूरा हो गया है। फिनिशिग, इंटीरियर आदि का काम चल रहा है। रनवे और एयरसाइड इन्फ्रास्ट्रक्चर, जिसमें टैक्सी वे आदि का काम भी लगभग पूरा हो गया है। मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग का स्ट्रक्चर काम काम पूरा हो गया है। यात्री सुविधाओं का काम अब तेजी से चल रहा है। 25 अक्टूबर से पहले ही पूरा हो होने की उम्मीद बताई जा रही है। एयरब्रिजेज, बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, चेक-इन/चेक-आउट काउंटर, बोर्डिंग गेट्स जैसी सुविधाएं लगाई जा चुकी है। इन सबके ट्रायल का काम भी हो गया है। एटीसी टावर का काम काफी पहले ही पूरा हो गया है। बकास (बीसीएएस) ने एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एनओसी भी जारी कर दी है, जो कि किसी भी एयरपोर्ट के लिए डीजीसीए की एनओसी लेने के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।
ये काम अभी अधूरे हैंडीजीसीए का लाइसेंस मिलना है। इस लाइसेंस के बाद ही विमान उड़ान भर सकते हैं।
वॉटर ट्रीटमेंट प्लाट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के संचालन होने तक तैयार हो जाएंगे।
फिनिशिग व इंटीरियर वर्क जैसे कि फर्श, लाइटिंग, बैठने की व्यवस्था, गैलरीज, टॉयलेट आदि अभी पूरी तरह तैयार नहीं है।
एप्रोच रोड्स, पार्किंग आदि को लेकर अंतिम रूप देना बाकी है।
टेस्टिंग, ट्रेनिंग, एयरपोर्ट संचालन में शामिल सभी एजेंसियों का अभ्यास व समन्वय आदि सबके लिए अभी काफी काम होने बाकी है।
कहां से कितनी दूरी, रोड के जरिए लगेगा कितना वक्त?
- नोएडा सिटी सेंटर से एयरपोर्ट लगभग 65-70 किमी. (यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए 1 घंटा 15 मिनट)
- ग्रेटर नोएडा परी चौक से एयरपोर्ट लगभग 35 किमी. 40-45 मिनट
- गाजियाबाद से एयरपोर्ट -लगभग 90-95 किमी. (2 से ढाई घंटे, ट्रैफिक पर निर्भर)
- दिल्ली (साउथ दिल्ली, सरिता विहार/ओखला) से एयरपोर्ट, लगभग 75-80 किमी (1.5 से 2 घंटे, यमुना एक्सप्रेसवे से
- फरीदाबाद से एयरपोर्ट, लगभग 65-70 किमी, डेढ़ से दो घंटे
- आगरा से एयरपोर्ट, लगभग 130-135 किमी. 2 घंटे, यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा)
ये होंगे विकल्प
- बाई रोड यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा पहुंचा जा सकेगा।
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली से कार व टैक्सी ही फिलहाल विकल्प रहेगा।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में शटल बसें व इलेक्ट्रिक बसें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और दिल्ली व कई मेट्रो पॉइंट्स से एयरपोर्ट तक चलने का प्लान है, लेकिन ऐसी कोई तैयारी नहीं है जो कि 30 अक्टूबर तक यह सुविधा उपलब्ध हो जाए।
- अंतरजिला, राज्य परिवहन निगम की बसें भी जोड़ी जाएगी। पांच राज्यों से बसों की कनेक्टीविटी का प्लान है लेकिन फैसला होने के बाद आगे की फिलहाल कोई तैयारी नहीं हुई है।
- रैपिड रेल और मेट्रो भविष्य की योजनाएं है। जिनमें सालों का वक्त लगेगा।
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