मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की प्रचंड जीत के पीछे मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Ladli Behna Yojana) को एक बड़ा फैक्टर माना गया था। महिलाओं ने महायुति के पक्ष में बंपर वोटिंग की थी, लेकिन राज्य में पिछले एक साल में जिस तरह से शिंदे के जमाने पर शुरू हुई योजनाएं बंद हुई हैं, उसके बाद लाडकी बहिन योजना के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस तरह की आशंकाएं विपक्ष के नेताओं के द्वारा ही नहीं बल्कि सरकार के मंत्री व्यक्त कर रहे हैं। छगन भुजबल ने माझी लाडकी बहीण योजना के फंड की कमी को उठाते हुए कहा था कि इस योजना को बंद करना पड़ेगा। अब डिप्टी सीएम शिंदे ने कहा है कि योजना बंद नहीं होगी? मंगलवार को उन्होंने अजित पवार की मौजूदगी में ऐसा कहा।
अब तक बंद हुई हैं आठ योजनाएं
विपक्ष का आरोप है कि 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण' (लाडली बहन) योजना के कारण महाराष्ट्र सरकार की तिजोरी खाली हो गई है। इसके परिणाम स्वरूप कई महत्वपूर्ण योजनाएं कागजों में सिमटकर रह गई हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्वात वाली कापूर्ववती सरकार कार्यकाल में शुरू की गई कई लुभावनी योजनाओं को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार एक-एक करके बंद कर रही है। शिवसेना यूबीटी के नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता अंबादास दानवे ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि जिन योजनाओं से आम आदमी को फायदा होने की उम्मीद थी, उन्हें बंद करके फडणवीस सरकार ने अपने ही सहयोगियों के फैसलों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ये योजनाएं हो चुकी हैं हैं बंद
आनंदाचा शिधा मेरा सुंदर स्कूल बंद 1 रुपए में फसल बीमा स्वच्छता मॉनिटर 1 राज्य 1 वर्दी प्यारे भाई के लिए अप्रेंटिसशिप योजना दूत योजना बंद मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
एकनाथ शिंदे ने दी बड़ी गारंटी
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मराठावाडा में आई भीषण बाढ़ ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार के हाथ तंग कर दिए हैं। ऐसे में लाडली बहन योजना के लिए फंड नहीं मिल रहा है। मंगलवार को शिंदे ने कहा कि योजना बंद नहीं होगी तो वहीं कांग्रेस ने पूछा किसानों के पैकेज और लाडली बहनों को 2100 रुपये कब मिलेंगे के मुद्दे पर महायुति सरकार को घेरा। कांग्रेस ने कहा कि सरकार दोनों मोर्चे पर गुमराह कर रही है। महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना को एक साल पूरा हो गया है। राज्य में लाडली बहन योजना से आपात्र लाभार्थियों को निकालने के लिए राज्यव्यापी ई-केवाईसी हो रही है, हालांकि इसमें उन महिलाओं को दिक्क्त हो रही है जिनके पिता के बाद पति का निधन हो चुका है। नए निर्देशों में पति या पिता का आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है।
अब तक बंद हुई हैं आठ योजनाएं
विपक्ष का आरोप है कि 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण' (लाडली बहन) योजना के कारण महाराष्ट्र सरकार की तिजोरी खाली हो गई है। इसके परिणाम स्वरूप कई महत्वपूर्ण योजनाएं कागजों में सिमटकर रह गई हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्वात वाली कापूर्ववती सरकार कार्यकाल में शुरू की गई कई लुभावनी योजनाओं को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार एक-एक करके बंद कर रही है। शिवसेना यूबीटी के नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता अंबादास दानवे ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि जिन योजनाओं से आम आदमी को फायदा होने की उम्मीद थी, उन्हें बंद करके फडणवीस सरकार ने अपने ही सहयोगियों के फैसलों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
ये योजनाएं हो चुकी हैं हैं बंद
एकनाथ शिंदे ने दी बड़ी गारंटी
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मराठावाडा में आई भीषण बाढ़ ने आर्थिक मोर्चे पर सरकार के हाथ तंग कर दिए हैं। ऐसे में लाडली बहन योजना के लिए फंड नहीं मिल रहा है। मंगलवार को शिंदे ने कहा कि योजना बंद नहीं होगी तो वहीं कांग्रेस ने पूछा किसानों के पैकेज और लाडली बहनों को 2100 रुपये कब मिलेंगे के मुद्दे पर महायुति सरकार को घेरा। कांग्रेस ने कहा कि सरकार दोनों मोर्चे पर गुमराह कर रही है। महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना को एक साल पूरा हो गया है। राज्य में लाडली बहन योजना से आपात्र लाभार्थियों को निकालने के लिए राज्यव्यापी ई-केवाईसी हो रही है, हालांकि इसमें उन महिलाओं को दिक्क्त हो रही है जिनके पिता के बाद पति का निधन हो चुका है। नए निर्देशों में पति या पिता का आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है।
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