नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक इंटरनैशनल ड्रग कार्टल का भंडाफोड़ करते हुए पूर्व केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी रोहित कुमार शर्मा उर्फ रोबिट नजफगढ़ के गोपाल नगर का रहने वाला है। इसके पास से 21.512 किलो हाइड्रोपोनिक मारिजुआना (समुद्र में उगाई जाने वाली घास यानी गांजा) बरामद हुआ है। इंटरनैशनल मार्केट में इस गांजे की कीमत 27.24 करोड़ रुपये है। इसके अलावा उसके पास से नशीले पदार्थ बेचकर कमाए गए 44.42 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं और एक कार व स्कूटी भी जब्त की गई है।
समुद्र में उगाई जाने वाले गांजे की हो रही थी तस्करीडीसीपी क्राइम संजीव यादव ने बताया, 13-14 अक्टूबर की दरमियानी रात में क्राइम ब्रांच के एंटी रॉबरी स्नैचिंग सेल को समुद्र में उगाई जाने वाले गांजे की तस्करी करने वाले इंटरनैशनल ड्रग कार्टल के बारे में सूचना मिली थी। सूचना थी कि कार्टल का एक आदमी जनक सिनेमा के पास बड़ी खेप पहुंचाएगा। जिसके बाद एसीपी संजय नागपाल के सुपरविजन में इंस्पेक्टर मान सिंह, अरविंद सिंह, सुंदर गौतम, एसआई देवी दयाल, इमरान, गुरमीत, सुनील, भारत, हेड कॉन्स्टेबल संजीव और कॉन्स्टेबल रॉबिन की एक टीम को रेड के लिए तैयार किया गया। टीम ने जाल बिछाकर आरोपी रोहित को दबोच लिया। वह एक बर्खास्त सीमा शुल्क अधिकारी निकला। उसके पास से और उसकी निशानदेही पर गांजा बरामद किया गया।
ऐसे काम करता था कार्टलबताया गया है कि बरामद हुआ गांजा बेहद कीमती होता है। इसका इस्तेमाल क्लब पार्टी में होता है। क्योंकि यह महंगा ड्रग है। साथ ही बेहद बदबूदार भी होता है। इसे समुद्र में उगाया जाता है। हवाई अड्डों की निगरानी से बचने के लिए इस कार्टल ने थाईलैंड से भारत में हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की तस्करी करने के लिए गुवाहाटी जैसे कम भीड़-भाड़ वाले हवाई अड्डों का फायदा उठाया। अपने अंदरूनी ज्ञान और संपर्कों का फायदा उठाते हुए आरोपी ने सीमा शुल्क अधिकारियों का इस्तेमाल करके छिपी हुई खेपों को ले जाने वाले नशीले पदार्थों की सुगम निकासी में मदद की।
इस पूरे ऑपरेशन को दुबई और थाईलैंड स्थित एक इंटरनैशनल गैंग नियंत्रित करता था। ये खेपें बैंकॉक से निकलती थीं और हवाई मार्ग से गुवाहाटी जैसे कम भीड़-भाड़ वाले हवाई अड्डों पर पहुँचती थीं, और फिर कूरियर के ज़रिए दिल्ली पहुंचाई जाती थीं। नशीले पदार्थों की बिक्री से प्राप्त आय को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदल दिया जाता था और पैसे के लेन-देन को छिपाने के लिए हवाला के जरिए दुबई भेज दिया जाता था।
समुद्र में उगाई जाने वाले गांजे की हो रही थी तस्करीडीसीपी क्राइम संजीव यादव ने बताया, 13-14 अक्टूबर की दरमियानी रात में क्राइम ब्रांच के एंटी रॉबरी स्नैचिंग सेल को समुद्र में उगाई जाने वाले गांजे की तस्करी करने वाले इंटरनैशनल ड्रग कार्टल के बारे में सूचना मिली थी। सूचना थी कि कार्टल का एक आदमी जनक सिनेमा के पास बड़ी खेप पहुंचाएगा। जिसके बाद एसीपी संजय नागपाल के सुपरविजन में इंस्पेक्टर मान सिंह, अरविंद सिंह, सुंदर गौतम, एसआई देवी दयाल, इमरान, गुरमीत, सुनील, भारत, हेड कॉन्स्टेबल संजीव और कॉन्स्टेबल रॉबिन की एक टीम को रेड के लिए तैयार किया गया। टीम ने जाल बिछाकर आरोपी रोहित को दबोच लिया। वह एक बर्खास्त सीमा शुल्क अधिकारी निकला। उसके पास से और उसकी निशानदेही पर गांजा बरामद किया गया।
ऐसे काम करता था कार्टलबताया गया है कि बरामद हुआ गांजा बेहद कीमती होता है। इसका इस्तेमाल क्लब पार्टी में होता है। क्योंकि यह महंगा ड्रग है। साथ ही बेहद बदबूदार भी होता है। इसे समुद्र में उगाया जाता है। हवाई अड्डों की निगरानी से बचने के लिए इस कार्टल ने थाईलैंड से भारत में हाइड्रोपोनिक मारिजुआना की तस्करी करने के लिए गुवाहाटी जैसे कम भीड़-भाड़ वाले हवाई अड्डों का फायदा उठाया। अपने अंदरूनी ज्ञान और संपर्कों का फायदा उठाते हुए आरोपी ने सीमा शुल्क अधिकारियों का इस्तेमाल करके छिपी हुई खेपों को ले जाने वाले नशीले पदार्थों की सुगम निकासी में मदद की।
इस पूरे ऑपरेशन को दुबई और थाईलैंड स्थित एक इंटरनैशनल गैंग नियंत्रित करता था। ये खेपें बैंकॉक से निकलती थीं और हवाई मार्ग से गुवाहाटी जैसे कम भीड़-भाड़ वाले हवाई अड्डों पर पहुँचती थीं, और फिर कूरियर के ज़रिए दिल्ली पहुंचाई जाती थीं। नशीले पदार्थों की बिक्री से प्राप्त आय को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदल दिया जाता था और पैसे के लेन-देन को छिपाने के लिए हवाला के जरिए दुबई भेज दिया जाता था।
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