जयपुर: राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल एक बार फिर सुरक्षा चूक को लेकर सुर्खियों में है। पिछले एक महीने में जेल के अंदर से 40 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं, बावजूद इसके जेल के अंदर मोबाइल सप्लाई करने वालों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला। रविवार और सोमवार को हुई तलाशी के दौरान भी जेल प्रशासन को चार नए मोबाइल मिले, जिससे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल और गहराते जा रहे हैं।
सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर दो से मिले मोबाइल
सोमवार को की गई सर्च कार्रवाई में वार्ड नंबर दो की बैरक नंबर दो से दो की-पैड मोबाइल बरामद हुए। इस मामले में बाड़मेर निवासी जेल प्रहरी मनोहरलाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। वहीं, रविवार को मिले मोबाइल के मामले में जेल प्रहरी संतोष कुमार (निवासी खोह नागोरियान) ने शिकायत दी। अधिकारियों का कहना है कि लगातार मोबाइल मिलने से यह साफ है कि जेल के अंदर कोई न कोई नेटवर्क सक्रिय है जो इन फोन को पहुंचा रहा है।
पिछले महीने ही दीवार फांदकर कैदी हुए फरार
मोबाइल बरामदगी के मामलों के बीच जयपुर सेंट्रल जेल में सितंबर में हुई फरारी की घटना अब भी चर्चा में है। 20 सितंबर की तड़के करीब साढ़े तीन बजे दो कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। दोनों कैदियों की पहचान अनस और नवल किशोर के रूप में हुई थी। शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों ने जेल की दीवार पर लगे पाइप का सहारा लेकर भागने की योजना बनाई थी।
दोनों नए कैदी, फिर भी बड़ी लापरवाही
जेल प्रशासन के अनुसार, अनस को 15 सितंबर और नवल किशोर को 17 सितंबर को चोरी के मामलों में जेल भेजा गया था। दोनों हाल ही में जेल में दाखिल हुए थे और अंडरट्रायल कैदी थे। इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद उनका भाग जाना प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है।
लगातार खुल रही सुरक्षा की पोल
एक महीने में 40 मोबाइल बरामद होना और दो कैदियों का फरार हो जाना इस बात की गवाही है कि जेल के अंदर न तो निगरानी व्यवस्था सख्त है और न ही सुरक्षा मानक प्रभावी हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेल के अंदर मोबाइल की सप्लाई जेल कर्मियों की मिलीभगत से हो रही हो सकती है। हालांकि, फिलहाल इस पर कोई अधिकारी आधिकारिक बयान देने से बच रहा है।
सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर दो से मिले मोबाइल
सोमवार को की गई सर्च कार्रवाई में वार्ड नंबर दो की बैरक नंबर दो से दो की-पैड मोबाइल बरामद हुए। इस मामले में बाड़मेर निवासी जेल प्रहरी मनोहरलाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। वहीं, रविवार को मिले मोबाइल के मामले में जेल प्रहरी संतोष कुमार (निवासी खोह नागोरियान) ने शिकायत दी। अधिकारियों का कहना है कि लगातार मोबाइल मिलने से यह साफ है कि जेल के अंदर कोई न कोई नेटवर्क सक्रिय है जो इन फोन को पहुंचा रहा है।
पिछले महीने ही दीवार फांदकर कैदी हुए फरार
मोबाइल बरामदगी के मामलों के बीच जयपुर सेंट्रल जेल में सितंबर में हुई फरारी की घटना अब भी चर्चा में है। 20 सितंबर की तड़के करीब साढ़े तीन बजे दो कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। दोनों कैदियों की पहचान अनस और नवल किशोर के रूप में हुई थी। शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों ने जेल की दीवार पर लगे पाइप का सहारा लेकर भागने की योजना बनाई थी।
दोनों नए कैदी, फिर भी बड़ी लापरवाही
जेल प्रशासन के अनुसार, अनस को 15 सितंबर और नवल किशोर को 17 सितंबर को चोरी के मामलों में जेल भेजा गया था। दोनों हाल ही में जेल में दाखिल हुए थे और अंडरट्रायल कैदी थे। इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद उनका भाग जाना प्रशासन की बड़ी चूक मानी जा रही है।
लगातार खुल रही सुरक्षा की पोल
एक महीने में 40 मोबाइल बरामद होना और दो कैदियों का फरार हो जाना इस बात की गवाही है कि जेल के अंदर न तो निगरानी व्यवस्था सख्त है और न ही सुरक्षा मानक प्रभावी हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेल के अंदर मोबाइल की सप्लाई जेल कर्मियों की मिलीभगत से हो रही हो सकती है। हालांकि, फिलहाल इस पर कोई अधिकारी आधिकारिक बयान देने से बच रहा है।
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