बिहार में सरकारी नौकरी का क्रेज कितना है ये तो सभी जानते हैं। बिहार के छात्रों वर्षों तक तैयारी करके सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए मेहनत करते रहते हैं। लेकिन इसी बिहार से बोर्ड एग्जाम में नकल करने और कराने की तस्वीरें भी सामने आती हैं।
पेपर लीक की घटनाएं भी होती हैं। लेकिन बिहार में एक ऐसा मामला उजागर हुआ है, जिसने सभी को चौंका दिया है। यहां दो ममेरे-फुफेरे भाइयों की इस कारस्तानी से बिहार शर्मसार है।
दरअसल यह दोनों भाई अब रिटायर हो चुके हैं। दोनों ने 41 साल तक राज्य और 'देश की सेवा' की। रिटायर होने के बाद जब पेंशन लेने की बारी आई तो उनकी इस कारस्तानी का पता चला। दोनों के फ्रॉड की यह कहानी बड़ी ही रोचक है। दैनिक हिंदुस्तान ने इस कहानी को विस्तार से बताया है।
तो कहानी इस प्रकार है कि यह दोनों भाई बिहार पुलिस में काम करते थे। 41 साल सेवा के बाद रिटायर हुए। दोनों के नाम एक ही हैं, दोनों का पता भी एक है। दोनों की जन्मतिथि और शारीरिक माप भी एक ही है। यहां तक कि दोनों कि पिता का नाम और पैन कार्ड भी एक हैं। कुछ अलग था तो दोनों की पोस्टिंग। जी हां दोनों चार दशक तक अलग-अलग जिले में नौकरी करते रहे। जाहिर सी बात हैं दोनों में से किसी एक ने तो पुलिस विभाग को धोखा देकर चार दशक तक सरकारी नौकरी की। इतने वर्ष नौकरी के बाद दरोगा के पद से रिटायर भी हो गए।
धोखाधड़ी से सिपाही के पद पर बहाल होने का यह मामला आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने दर्ज किया है। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब दूसरे भाई ने पेंशन के लिए शिवहर कोषागार में दस्तावेज जमा कराए। एक भाई रोहतास कोषागार से पहले से ही पेंशन ले रहा था। EOU अब मामले से जुड़े जालसाजों और सरकारी कर्मियों की पहचान में जुटा है।
1982 में भर्ती 2023 में रिटायर
कहानी रोहतास के विक्रमा सिंह और शिवहर के विक्रमा सिंह की है। रोहतास के चौड़ीहरा गांव निवासी विक्रमा सिंह को 1982 में कटिहार जीआरपी के साथ ही रोहतास जिला बल की सिपाही बहाली में सफलता मिली। उन्होंने कटिहार जीआरपी में बहाली ली और 2023 में गया से रिटायर हुए। उधर शिवहर से विक्रमा सिंह नाम के दरोगा भी इसी समय रिटायर हुए।
यहां दोनों में कुछ अंतर दिखा
दोनों के आधार नंबर जरूर अलग थे। इसके साथ ही बैंक खाता नंबर और प्रथम योगदान स्थल में अंतर दिखायी दिया। शिवहर से रिटायर हुए विक्रमा सिंह की प्रथम नियुक्ति रोहतास जिला बल में सिपाही पद पर हुई थी। याद रहे कि 1982 में पहले विक्रमा सिंह ने भी रोहतास जिला बल की सिपाही बहाली में सफलता हासिल की थी, लेकिन बहाली नहीं ली थी। ऐसे में शक इस ओर भी जा रहा है कि दूसरे विक्रमा सिंह ने पहले वाले विक्रमा सिंह की जगह ड्यूटी ज्वाइन कर ली होगी। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है, अभी इस बारे में ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता है।
You may also like
हमास के हत्यारों के आगे सरेंडर नहीं करेंगे... नेतन्याहू ने गाजा में जंग जारी रखने की खाई कसम, ईरान के परमाणु बम पर कही ये बात
Kesari Chapter 2 Box Office: दूसरे दिन अक्षय और माधवन की फिल्म ने लगाई छलांग', कमा डाले इतने करोड़ रुपये
मनोविकार ग्रस्त नेता का सत्ता में आना खतरनाक!
Fourth House of Horoscope : आपके भाग्य में भूमि, भवन, वाहन का सुख है या नहीं, जानें जन्मकुण्डली के इस भाव से
Success Story: 78 साल की दादी बनाती हैं बच्चों के लिए लंगोट और मोजे, आज विदेशों में फैला कारोबार