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महाभारत में जरासंध का जन्म: दो रानियों, एक जादूगरनी और अद्भुत पुनर्जन्म की अनसुनी कथा

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महाभारत में जरासंध का जन्म: दो रानियों, एक जादूगरनी और अद्भुत पुनर्जन्म की अनसुनी कथा

महाभारत के महान योद्धा जरासंध का नाम सुनते ही लोग उनके और भगवान कृष्ण के संघर्षों, तथा अंततः भीम द्वारा उनके वध की कथा को याद करते हैं। लेकिन जरासंध के जन्म की रहस्यमयी और अद्भुत कहानी बहुत कम लोगों को पता है। यह कहानी भारतीय पुराणों और लोककथाओं में एक अनोखा स्थान रखती है।

जरासंध का जन्म कैसे हुआ?

मगध के राजा बृहद्रथ अपनी दो रानियों के साथ संतान सुख से वंचित थे। संतान प्राप्ति की प्रबल इच्छा के कारण उन्होंने ऋषि चंद्रकौशिक की सेवा की। ऋषि उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें एक फल (सेब) देते हैं और कहते हैं कि इसे रानी को खिला देने से पुत्र की प्राप्ति होगी।

राजा ने वह फल दो भागों में बांटकर अपनी दोनों रानियों को खिला दिया। फलस्वरूप, दोनों रानियों ने गर्भ धारण किया।

आधे-आधे शरीर वाले शिशु का जन्म

जब समय आया, तो दोनों रानियों ने आधे-आधे बच्चे को जन्म दिया। एक के गर्भ से शरीर का ऊपरी हिस्सा और दूसरी के गर्भ से निचला हिस्सा जन्मा। यह विचित्र और भयावह दृश्य देखकर वे डर गईं और दोनों टुकड़ों को जंगल में फेंक आईं।

‘जरा’ नाम की जादूगरनी ने किया जीवनदान

जंगल में ‘जरा’ नाम की एक वृद्ध स्त्री या जादूगरनी रहती थी। उसने जब ये दोनों टुकड़े देखे, तो अपने योगबल और जादुई शक्तियों से उन्हें जोड़ दिया। टुकड़े जुड़ते ही शिशु में जीवन आ गया।

नाम पड़ा ‘जरासंध’

जब यह खबर राजा बृहद्रथ तक पहुँची, तो उन्होंने उस जीवित हुए बच्चे को महल लाकर अपना उत्तराधिकारी बनाया। बच्चे का नाम ‘जरासंध’ रखा गया, जिसका अर्थ है — ‘जरा द्वारा जोड़ा गया’

जरासंध का अंत

जरासंध अत्यंत शक्तिशाली और महत्वाकांक्षी राजा बना। वह भगवान कृष्ण का शत्रु था और कई राजाओं को बंदी बना चुका था। अंततः, महाभारत काल में भीम ने कृष्ण की योजना के तहत हाथों से फाड़कर उसका वध किया, क्योंकि उसे किसी शस्त्र से मारा नहीं जा सकता था — वह पहले से ही दो भागों से जुड़ा हुआ था।

जरासंध जन्म कथा के भावार्थ
  • यह कथा बताती है कि ईश्वर की इच्छा और संयोग से असंभव भी संभव हो सकता है।

  • यह भी दिखाता है कि जन्म और पुनर्जन्म का रहस्य केवल शरीर तक सीमित नहीं है, चेतना और कृपा भी इसमें अहम होती हैं।

  • जरासंध का नाम और जीवन दोनों ही अद्भुत घटनाओं से भरे हुए हैं।

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