News India Live, Digital Desk : सोशल मीडिया जब प्रोपेगेंडा का हथियार बन जाता है, तो झूठ को कितनी बेशर्मी से सच बनाकर पेश किया जाता है, इसका ताजा उदाहरण एक बार फिर पाकिस्तान ने दिया है. हाल ही में जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फाइटर जेट में उड़ान भरने के बाद भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों के साथ तस्वीर खिंचवाई, तो उस तस्वीर को देखकर पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा तंत्र ने एक नया और पूरी तरह से मनगढ़ंत झूठ फैलाना शुरू कर दिया.पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडलों ने राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह की तस्वीर को वायरल करते हुए यह दावा किया कि यह वही पायलट हैं, जिन्हें 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपने कब्जे में लिया था.क्या है वायरल तस्वीर और पाकिस्तान का दावा?मामला शुरू हुआ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की एक तस्वीर से, जिसमें वह अपनी ऐतिहासिक उड़ान के बाद पायलटों की टीम के साथ खड़ी हैं. इसी टीम में स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह भी मौजूद थीं. पाकिस्तान के कई वेरीफाइड और अनवेरीफाइड सोशल मीडिया अकाउंट्स ने शिवांगी सिंह की तस्वीर को घेरकर यह झूठा नैरेटिव फैलाना शुरू कर दिया कि 2019 में पकड़ी गई भारतीय पायलट यही थीं.क्या है इस दावे की सच्चाई? (Fact Check)यह दावा A से Z तक, पूरी तरह से झूठा, बेबुनियाद और पाकिस्तान का एक नया प्रोपेगेंडा मात्र है. आइए जानते हैं कि सच्चाई क्या है:2019 में अभिनंदन को पकड़ा गया था, शिवांगी को नहीं: पूरी दुनिया जानती है कि फरवरी 2019 में पाकिस्तान के F-16 विमान को मार गिराने के बाद विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्धमान का विमान MiG-21 पाकिस्तान की सीमा में क्रैश हो गया था, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था. भारत के कूटनीतिक दबाव के बाद पाकिस्तान को अभिनंदन को सुरक्षित वापस लौटाना पड़ा था. पकड़े गए पायलट एक पुरुष थे, महिला नहीं.कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह? शिवांगी सिंह भारतीय वायुसेना का वह गौरव हैं, जो राफेल फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट बनीं. वह वायुसेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं. उनका करियर और राफेल उड़ाने की उपलब्धि 2019 की घटना के बाद की है. उनका 2019 के उस हवाई संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है.क्यों फैला रहा है पाकिस्तान यह झूठ?यह पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार (Propaganda) का एक क्लासिक उदाहरण है. इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को लेकर भ्रम पैदा करना और अपने लोगों को गुमराह करना है. भारतीय वायुसेना की एक जांबाज और प्रेरणास्रोत महिला पायलट की तस्वीर का इस्तेमाल करके पाकिस्तान एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहा है.हालांकि, सोशल मीडिया पर जागरूक भारतीय यूजर्स और फैक्ट-चेकर्स ने तुरंत इस पाकिस्तानी झूठ का पर्दाफाश कर दिया और अभिनंदन वर्धमान की सच्चाई को फिर से सामने रखा.
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