महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल की गई है। मुख्यमंत्री महिला स्वरोजगार योजना के तहत, प्रत्येक परिवार की एक महिला को स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने हेतु 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।इस योजना का शुभारंभ शुक्रवार, 26 सितंबर को निर्धारित नियमों के अनुसार किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस पहल के तहत, राज्य की 75 लाख महिलाओं को उनके बैंक खातों में सीधे ₹10,000 का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मिलेगा। इन महिलाओं के बीच ₹7,500 करोड़ वितरित किए जाएँगे।इस आयोजन के लिए ग्रामीण विकास सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को पत्र जारी किया है। खास तौर पर, इस आयोजन को संकुल स्तर और ग्राम संगठन स्तर पर उत्सव के रूप में मनाने के निर्देश दिए गए हैं।इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने और जनता तक जानकारी पहुँचाने के साथ-साथ महिला समूहों और सामुदायिक संगठनों को जागरूक करने के लिए बिहार राज्य मुख्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिनमें आजीविका स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) भाग लेंगे। अब तक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की 11.166 मिलियन महिलाओं ने इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया है।कार्यक्रम की रूपरेखा क्या है?जिला स्तरीय कार्यक्रम सभी 38 जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में आयोजित किए जाएँगे। इसमें जनप्रतिनिधियों के अलावा जिला स्तरीय अधिकारी और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी कम से कम 1,000 महिलाएँ भाग लेंगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता सभी 534 ब्लॉक मुख्यालयों पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) करेंगे। इसमें ब्लॉक स्तरीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी और स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 500 महिलाएं भाग लेंगी।यह कार्यक्रम सभी 1,680 क्लस्टर स्तरीय आजीविका संघों में भी आयोजित किया जाएगा। क्लस्टर स्तरीय आजीविका समूहों की 200 महिलाएं इसमें भाग लेंगी।इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सभी 70,000 जीविका ग्राम संगठनों में भी किया जाएगा। इसमें स्वयं सहायता समूहों की 100 महिलाएं भाग लेंगी।योजना का उद्देश्य क्या है?यह राशि महिलाओं को स्वरोज़गार शुरू करने, छोटे व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसायों का विस्तार करने में मदद करेगी। इस योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता से महिलाएं कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई, बुनाई और अन्य छोटे उद्योगों में निवेश कर सकेंगी। स्वरोज़गार शुरू करके महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और उनके परिवार भी सशक्त होंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं, खासकर आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाओं को समान लाभ प्रदान करना है।इस योजना से कौन लाभान्वित हो सकता है?इस योजना का लाभ पति, पत्नी और उनके अविवाहित बच्चों वाले परिवारों को मिलेगा। अविवाहित वयस्क महिलाएँ जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, वे भी पात्र हैं। आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक या उसका पति आयकरदाता नहीं होना चाहिए। आवेदक या उसका पति सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में नहीं होना चाहिए। आजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी सभी महिलाएँ इस योजना के लिए पात्र हैं।
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