News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर हमेशा जारी रहता है, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक ट्वीट (अब एक्स) के जरिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती (Mayawati) पर ऐसा तीखा तंज कसा है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, लखनऊ में बसपा की एक महारैली के दौरान मायावती ने अप्रत्याशित रूप से योगी सरकार (Yogi Sarkar) की तारीफ कर दी, जिसके बाद अखिलेश को चुटकी लेने का मौका मिल गयामायावती ने क्यों की योगी सरकार की तारीफ?बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर एक महारैली का आयोजन किया गया था इस मौके पर मायावती ने कांशीराम को श्रद्धांजलि देने के बाद अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इस दौरान योगी सरकार के एक काम की तारीफ की. मायावती ने कहा कि सपा सरकार के उलट, मौजूदा भाजपा की राज्य सरकार ने रैली स्थल को देखने वाले लोगों के टिकटों से इकट्ठा हुए पैसों को दबाकर नहीं रखा, बल्कि इस स्मारक की मरम्मत पर पूरा खर्च किया. उन्होंने योगी सरकार की 'आभारी' होने की बात कही क्योंकि इससे बसपा के पैसे का सही इस्तेमाल हुआ[1].अखिलेश यादव का तंज: 'अंदरूनी सांठगांठ है जारी!'मायावती के इस बयान के तुरंत बाद, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए एक ट्वीट (एक्स पोस्ट) किया अखिलेश ने लिखा: "क्योंकि 'उनकी' अंदरूनी साँठगाँठ है जारी। इसीलिए वो हैं ज़ुल्मकरनेवालों के आभारी।" यह ट्वीट सीधे तौर पर मायावती और योगी सरकार के बीच किसी कथित 'अंदरूनी सांठगांठ' की ओर इशारा कर रहा था, जिसने राजनीतिक गलियारों में गरमाहट ला दी हैमायावती के संबोधन की खास बातेंविपक्ष पर निशाना: मायावती ने कांग्रेस, भाजपा और सपा जैसी 'जातिवादी पार्टियों' पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर इन पार्टियों के चेहरे बेनकाब हो गए और इन्होंने मिलकर बसपा को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोकने की साजिश रची, जिसकी 'रही-सही कसर' ईवीएम ने पूरी कर दीकांग्रेस पर वार: कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान का अपमान किया और कभी दलित समाज का सच्चा सम्मान नहीं कियाउन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा संविधान की कॉपी लेकर 'नाटकबाजी' करने का भी आरोप लगायासपा पर आरोप: मायावती ने सपा के शासन में दलितों और पिछड़ों के 'खुले उत्पीड़न' का आरोप लगाया, कानून-व्यवस्था को 'चरमराई' बताया और कहा कि 'गुंडों और अराजकतत्वों' को संरक्षण दिया गया, जिससे 'भय और अराजकता का माहौल' था उन्होंने अखिलेश यादव पर यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कांशीराम का स्मारक बनाने की बात नहीं की, जबकि अब वह ऐसा कह रहे हैं. उन्होंने सपा को 'दोगले लोग' बताकर सावधान रहने की अपील कीडॉ. आंबेडकर और कांशीराम का सपना: मायावती ने डॉ. आंबेडकर के सपने का जिक्र किया कि दलितों और पिछड़ों को एकजुट होकर 'सत्ता की मास्टर चाबी' अपने हाथ में लेनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि बसपा ने गठबंधन और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर इसे पूरा किया और 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' की नीति पर काम कियाबसपा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक 'आंदोलन' है, जो दबे-कुचले वर्गों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए संघर्षरत है और विरोधी चाहें जितनी भी साजिशें कर लें, बसपा का आंदोलन कभी झुकेगा नही
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